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एल्यूमीनियम की कीमतें मार्च में बढ़कर ऑलटाइम हाई पर, रूस-यूक्रेन युद्ध के अलावा इस बात का भी है असर

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा है कि मजबूत मांग और आपूर्ति संकट के डर के बीच वैश्विक भंडार के स्तर में आयी कमी से एल्यूमीनियम की कीमतों में अभी तेजी जारी रहेगी. एल्यूमीनियम के वैश्विक व्यापार में रूस की हिस्सेदारी करीब 12 फीसदी है. रूस के एल्यूमीनियम निर्यात पर भी अगर प्रतिबंध लगाया जाता है तो इससे आपूर्ति संकट और गहरायेगा. इक्रा ने कहा कि आपूर्ति की कमी से पूरी दुनिया में इसकी उपलब्धता प्रभावित रहेगी और जब तक स्थितियां सामान्य नहीं होता तब तक दाम तेज रहेंगे.

मार्च के पहले हफ्ते में एल्यूमीनियम की कीमतें ऑलटाइम हाई पर

इक्रा ने कहा कि मार्च के पहले सप्ताह में एल्यूमीनियम की कीमतें सर्वकालिक उच्चतम स्तर यानी 3,875 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गयीं और फिलहाल इसकी कीमत 3,320 डॉलर प्रति टन है. इसकी कीमतें वैश्विक आपूर्ति में आयी कमी का सबूत हैं. इसके अलावा यूरोपीय देशों में एल्यूमीनियम की कीमतों में आयी तेजी भी वैश्विक बाजार में इसके दाम बढ़ने की वजह है. यूरोपीय बाजार में इसकी कीमत सितंबर 2021 से तीन गुणी अधिक हो चुकी है.

इक्रा का क्या है कहना

इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख जयंत रॉय ने कहा कि घरेलू एल्यूमीनियम उत्पादकों की जरूरतें कोयला आधारित कैप्टिव बिजली संयंत्रों से पूरी हो जाती हैं और उनकी दो तिहाई से अधिक कोयला जरूरतें कोल इंडिया के कैप्टिव खदानों से पूरी हो जाती हैं. इसके अलावा वित्त वर्ष 23 में एल्यूमीनियम की अनुकूल कीमतें भी घरेलू उत्पादकों के लाभ को बढ़ाये रखेंगी. अनुकूल घरेलू मांग के अलावा निर्यात का विकल्प भी खुला है जिससे घरेलू उत्पादकों को लाभ होगा.

स्टील की कीमतों में भी देखा गया है इजाफा

स्टील की कीमतों में भी जोरदार इजाफा देखा जा रहा है और ग्लोबल सप्लाई पर असर पड़ने से स्टील की कीमतों में भी इजाफा देखा जा सकता है. दरअसल विश्व की एक बड़ी अर्थव्यवस्था रूस पर लग रहे आर्थिक प्रतिबंधों के चलते कई वस्तुओं के आयात पर भी असर आया है और इसके प्रभाव से दाम चढ़ रहे हैं. गेहूं, स्टील, एल्यूमीनियम, एडिबल ऑयल के चढ़ते दाम इस बात का सबूत हैं.

 

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