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पति ने की पत्नी की हत्या और हो गया फरार,डेढ साल से 5 नाबालिग बच्चे खा रहे है दर दर की ठोकरें

० विशेष पिछडी कमार जनजाति के नाबालिग बालिकाओं के सिर से उठा माता पिता का साया

० गरीब मामा के घर में पांच बच्चों ने लिए शरण , विष्णुदेव सरकार से मदद के लिए लगाई गुहा

गरियाबंद। लगभग डेढ वर्ष पहले आवेश में आकर घरेलू विवाद के चलते पति ने अपने ही पत्नी की बेरहर्मी से हत्या कर दिया और हत्या के बाद फरार हो गया और देखते ही देखते खुशहाल परिवार उजड गया और तो और पत्नी के हत्या करने के बाद अपने 7 बच्चों को बेसहारा छोडकर फरार हो गया अब उनके नाबालिग बच्चें दर दर की ठोकर खाने मजबूर हो रहे है मामला गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत दबनई के आश्रित ग्राम खोलापारा का है।

मिली जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय मैनपुर से 22 किलोमीटर दुर ग्राम खोलापारा में विशेष पिछड़ी कमार जनजाति के जेनाराम नेताम एंव उनकी पत्नी नोराबती नेताम 48 वर्ष अपने सात बच्चों को साथ निवास करते थे बांस बर्तन बनाकर अपना और परिवार का भरण पोषण कर रहे थे लेकिन 17 मई 2022 को पति और पत्नी अपने रिश्तेदार के यहा कोई सामाजिक कार्यक्रम में ग्राम धोबीपारा गए थे पति और पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया और विवाद इतना बढ गया कि गुस्से में आकर शराब के नशे में धुत जेनाराम नेताम अपनी पत्नी नोराबती नेताम की 17/05/2022 को हत्या कर दिया और देखते ही देखते एक बसे बसाए परिवार बिखर गया अपने पत्नी की हत्या करने के बाद आरोपी पति जेनाराम नेताम अपने 7 नाबालिग बच्चों को बेसहारा छोडकर भाग गया। मैनपुर पुलिस द्वारा मामले में अपराध दर्ज कर पिछले डेढ वर्षो से अधिक समय से अपनी पत्नी के हत्या करने वाले आरोपी पति जेनाराम नेताम की खोज किया जा रहा है लेकिन अब तक पुलिस पकड से बाहर है।

पति जेनाराम नेताम द्वारा अपनी पत्नी नोराबती के हत्या करने के बाद फरार हो गया और उनके बच्चों के भविष्य अंधकारमय हो गया। आज 5 नाबालिग बच्चे दर- दर की ठोकर खोने मजबूर हो रहे हैं।

मामा ने दिया अपने घर में सहारा लेकिन खुद है बेहद गरीब

उल्लेखनीय है कि बच्चै के मामा पुनीतराम ने अपने बहन के बच्चें होने के कारण इन बच्चो को अपने घर में सहारा दिया है, लेकिन स्वंय पुनीतराम बेहद गरीब है बहुत मुश्किल से अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे है, क्योंकि बांस के बर्तन बनाकर उससे मिलने वाले आय से अपना जीवन यापन करते है ऐसे में इन 5 बच्चों को उनके द्वारा अपने घर सहारा देना ही काफी है।

7 बच्चों में दो बच्चे काम की तलाश में आंध्रप्रदेश पलायन कर गए

बच्चों के मामा पुनीतराम एंव ग्रामीणों ने बताया कि मां की हत्या होने के बाद और पिता के फरार हो जाने के बाद से दो बडे भाई जिनकी उम्र लगभग 17 से 18 वर्ष का था दोनो भाई काम की तलाश में एक वर्ष पहले ही अपने 5 छोटे -छोटे भाई बहनों को छोडकर आंध्रप्रदेश पलायन कर गया जिनकी अब तक कोई खबर नही है कि दोनो भाई का और किस हाल में है ना कि उनके द्वारा परिवार वालों से कोई संपर्क नही किया गया ऐसे में पांच बच्चे जिसमें चार लड़की और एक लडका अपने मामा के यहा शरण लिये है सबसे बडी बहन लगभग 11 वर्ष की पार्वती, सबिता 06 वर्ष, कुमारी 07 वर्ष, रणकुंवर 04 वर्ष, एंव रानी 05 वर्ष पांचो भाई बहन मामा के घर रहते है। छोटे-छोटे भाई बहन अपनी मां और बाप को याद खूब रोते हैं उनको रोते देख ग्रामीणों का दिल पसीज जाता है कभी कोई ग्रामीण इन छोटे-छोटे मासूम बच्चों पर दया कर चॉकलेट या बिस्कुट दे तो वह खुशी से फूले नहीं समाते, आखिर बड़ी बहन की ही उम्र 10 -11 वर्ष है ऐसे में अपने चार भाई बहनों को एक साथ कैसे देख रेख कर सकता है हृदय और दिल को झकझोर कर रख देने वाला यहां कोई कहानी नहीं बल्कि एक परिवार में बीत रहे घटना है.

इन कमार बच्चों को है छत्तीसगढ सरकार से सुनहरे भविष्य की दरकार

ये नाबालिग बेसहारा पांचो भाई बहन विषेष पिछडी कमार जनजाति से है और केन्द्र के नरेन्द्र मोदी सरकार एंव राज्य के विष्णुदेव साय सरकार द्वारा विषेष पिछडी जनजाति कमार समाज के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाए जनमन के तहत चलाया जा रहा है यदि गरियाबंद कमार विकास अभिकरण के अधिकारी एंव जिले आला अफसर इन बच्चो के भविष्य के तरफ थोड़ा भी ध्यान दे तो निश्चित रूप से उनका भविष्य सुनहरा हो सकता है, जिसके वे हकदार भी है इन बेसहारा कमार बच्चों के लिए क्षेत्र लोगों ने छत्तीसगढ के विष्णुदेव सरकार से उनके सुनहरे भविष्य को लेकर गुहार लगाई है।

क्या कहते है सरपंच
ग्राम पंचायत दबनई के सरपंच घनश्याम नागेष ने बताया कि पत्नी की हत्या करने के बाद बच्चों के पिता जेनाराम फरार हो गया है और बच्चों के सामने बेहद गंभीर स्थिति निर्मित हो गई है बच्चे नाबालिग है छ.ग. सरकार गरियाबंद जिला के कलेक्टर दीपक ,अग्रवाल आदिवासी सहायक आयुक्त नवीन भगत से उन्होने विनम्र निवेदन किया है कि बच्चो के भविष्य को देखते हुए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हुए उनकी पढाई लिखाई की बेहतर व्यवस्था शासन स्तर पर किया जाना चाहिए।

क्या कहते हैं कमार समाज के नेता

कमर विकास अभिकरण के सदस्य पिलेश्वर सोरी ने कहा छत्तीसगढ़ सरकार को चाहिए की इन नाबालिक बच्चों की मदद के लिए कार्ययोजना बनाकर उनके भविष्य को बेहतर किया जाए साथ जिले के आला अफसर , समाजसेवी भी ऐसे बच्चों के मदद के लिए सामने आना चाहिए,

क्या कहते हैं एसडीएम

मैनपुर एसडीएम डॉ तुलसीदास मरकाम ने कहां इस मामले की जानकारी मुझे आपके माध्यम से मिला है गरियाबंद जिले के कलेक्टर को मामले से अवगत कराया जाएगा और बच्चों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाएंगे,

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