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कांग्रेस के कार्यकर्त्ता सम्मेलन में पूर्व सीएम के सामने सुरेंद्र वैष्णव ने निकली भड़ास

राजनांदगांव। प्रत्याशी घोषित होने के बाद सोमवार को पहली बार कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपनों से ही विरोध का सामना करना पड़ा। ग्राम खुटेरी में आयोजित ग्रामीण ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में जिला पंचायत सदस्य रह चुके सुरेंद्र वैष्णव ने जमकर भड़ास निकाली।

तब बघेल के साथ प्रदेश व जिला संगठन के दर्जनभर पदाधिकारी मंच पर ही थे। वैष्णव ने न केवल चुनाव में बाहरी को प्रत्याशी बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई, बल्कि कांग्रेस शासनकाल में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का भी गंभीर आरोप लगाकर सम्मेलन में सन्नाटा ला दिया। इस दौरान वे बार-बार स्वयं को क्षमा कर देने और पार्टी से निष्कासित कर देने की बात भी कहते रहे।

लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित होने के बाद रविवार को शहर के दोनों ब्लाक उत्तर व दक्षिण के अलावा ग्रामीण ब्लाक कांगरेस कमेटी ने कार्यकर्ता सम्मेलन रखा था। महादेव सट्टा ऐप मामले में बघेल पर एफआइआर के बाद यह कार्यक्रम चाल दिया गया था। इसे सोमवार को किया गया। पहला सम्मेलन खुटेरी में था।

संबोधन का दौर चल रहा था। जब सुरेंद्र वैष्णव की बारी आई तो उन्होंने लगभग तीन मिनट के अपने भाषण में कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार और हाईकमान के खिलाफ खुलकर भड़ास निकाली। उन्होंने बघेल को इंगित करते हुए कहा कि उनके सीएम रहते पांच वर्ष में कार्यकर्ताओं का न तो कोई काम हुआ और न ही किसी को सम्मान मिला।

इस बीच ग्रामीण जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भागवत साहू ने पास जाकर सुरेंद्र को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं रूके। कहा कि वे कार्यकर्ताओं की पीड़ा बता रहे हैं। अगर वे गलत हैं तो उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दें। उन्होंने सरकार रहते कार्यकर्ताओं को प्रताडित करने का भी गंभीर आरोप लगाया।

सुरेंद्र ने बीच में बघेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज किसानों को धान का 3100 रुपये मिल रहा है, वह उनकी ही देन है। जब वे विपक्ष में थे तो अकेले सरकार को ललकारते थे।

इशारों में कहा बाहरी प्रत्याशी –

वैष्णव की बातों का कार्यकर्ताओं ने समर्थन किया तो उन्होंने अपना तेवर और तीखा कर लिया। इशारों में बघेल को बाहरी प्रत्याशी कहकर खलबली मचा दी। वे इतने में नहीं रूके और नाम लिये बिना डोंगरगढ़ क्षेत्र के एक कांग्रेस नेता पर निशाना साधना शुरू कर दिया। कहा कि कांग्रेस की सरकार रहते एक ही नेता का फोटो दिखाता था।

अब गायब है। उन्होंने पूछा कि वो नेता कहां है? चुनाव में उसी को बुला लो। दूसरे कार्यकर्ताओं की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सुरेंद्र ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि सीएम रहते कार्यकर्ता उनके करीब नहीं जा सके। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में कारण 45 हजार से हारे।

वैष्णव ने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पूछा कि कार्यकर्ताओं क्या केवल पंच-सरपंच का चुनाव लड़ने और दरी उठाने के लिए हैं? जिला व जनपद का भी चुनाव होगा। क्या उसमें भी बाहरी लाएंगे क्या? प्रत्याशी चयन को लेकर स्थानीय नेताओं से किसी से चिंतन नहीं किया। ऊपर वाले ही चिंतन करते रहे

 

 

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