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बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचे मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, अपने ट्रांसफर और अनिल देशमुख के खिलाफ लगाई गुहार

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर उगाही के सनसनीखेज आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर Pने बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुहार लगाई है. परमबीर सिंह ने अपने ट्रांसफर और अनिल देशमुख के खिलाफ गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. इससे पहले परमबीर सिंह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन वहां से उन्हें हाईकोर्ट जाने को कहा गया था.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए परमबीर सिंह को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दे रहे हैं. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह के वकील मुकुल रोहतगी से सवाल किया कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए, हाई कोर्ट क्यों नहीं गए. इस पर रोहतगी ने कहा कि हम हाईकोर्ट चले जाएंगे आप कल सुनवाई का आदेश दीजिए.

परमबीर के वकील मुकुल रोहतगी से कोर्ट ने सवाल किया- सीधे सुप्रीम कोर्ट क्यों आए? देशमुख को पार्टी क्यों नहीं बनाया?

रोहतगी- आधे घण्टे में देशमुख को पार्टी बनाते हुए संशोधित आवेदन दाखिल कर दूंगा. अब सीधे सुप्रीम कोर्ट आने पर जवाब देता हूँ. यह देश पर असर डालने वाला मसला है. एंटिला विस्फोटक कांड की जांच NIA कर रही है. एक और IPS रश्मि शुक्ला देशमुख पर ट्रांसफर/पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुकी है

जस्टिस कौल- दिक्कत यह है कि प्रकाश सिंह (पुलिस सुधार) मामले में हमारे फैसले को कोई राज्य लागू नहीं कर रहा है. इसे रहने दीजिए लेकिन सवाल यही है कि आप हाई कोर्ट में क्यों नहीं गए?

मामले में आवेदन करने वाले एक और वकील सदावर्ते- हमने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है. मामला वहीं चलना चाहिए.

रोहतगी- पुलिस पर दबाव की समस्या राष्ट्रीय है. बंगाल में भी अधिकारी ऐसी बात कह चुके हैं.

जस्टिस कौल- हाई कोर्ट को भी शक्ति हासिल है. वहां जाइए

रोहतगी- हम आज ही हाई कोर्ट में आवेदन देंगे. आप कल ही सुनवाई के निर्देश दे दीजिए.

कोर्ट का आदेश- हमने पूछा कि देशमुख को पक्ष क्यों नहीं बनाया. रोहतगी ने संशोधित आवेदन देने की बात कही. लेकिन हमारी राय है कि हाई कोर्ट यह मामला देख सकता है. हम सहमत हैं कि मामला गंभीर है. हम याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दे रहे हैं. इन्होंने हाई कोर्ट में कल ही सुनवाई की मांग की है. अगर यह आवेदन देते हैं तो हाई कोर्ट देखे कि सुनवाई कब हो सकती है.

परमबीर ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने के लिए गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे सीधा गृहमंत्री देशमुख के संपर्क में था. देशमुख ने फरवरी में अपने घर पर वाजे से मीटिंग की थी. हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने को कहा था. इस सच्चाई को सामने लाने के लिए अनिल देशमुख के घर का सीसीटीवी फुटेज जब्त किया जाए.

याचिका में दावा किया गया कि अनिल देशमुख गृह मंत्री के पद पर रहते लगातार अवैध गतिविधियों में शामिल थे. पिछले साल अगस्त में एक फोन इंटरसेप्ट के जरिए स्टेट इंटेलिजेंस की कमिश्नर रश्मि शुक्ला को पता चला कि देशमुख ट्रांसफर/पोस्टिंग में भ्रष्टाचार कर रहे हैं. उन्होंने डीजीपी और गृह विभाग के एडिशनल सेक्रेट्री को यह जानकारी दी. बाद में उन्हें पद से अलग कर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया. परमबीर सिंह का कहना है कि उन्होंने अनिल देशमुख के जूनियर पुलिस अधिकारियों से सीधे मिलने और उनसे वसूली के लिए कहने की जानकारी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और दूसरे वरिष्ठ नेताओं को दी थी. इसके तुरंत बाद उन्हें पुलिस कमिश्नर पद से हटाकर डीजी होमगार्ड के पद पर भेज दिया गया.

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