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मोदी राज में आम जनता की आवाज उठाने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है – सिहावा विधायक – डाॅ श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव

0 राहुल गांधी के संसदीय सदस्यता रद् किये जाने की बात पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार छ.ग. प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा सिहावा विधायक को प्रेसवार्ता के लिये बालोद जिला प्रभारी नियुक्त किये जाने पर विधायक ने बालोद में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस में कही

रायपुर/बालोद । डाॅ श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव विधायक सिहावा ने कहा कि मोदी राज में आम जनता की आवाज उठाने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी की आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष 4 बार के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते है तो उनको बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है, सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुये संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते है।

केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुये अनर्गल बयाबाजी करते है और जब इन सबसे भी राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की आवाज को नहीं दवा पाते तो एक और ‘डियंत्र रचा जाता है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने का यह हम पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा आपके समक्ष रखते है आप खुद विचार करिये, देखिये इस देश के लोकतंत्र को किस प्रकार नष्ट किया जा रहा है। पहला घटनाक्रम साथियों राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही क्यों की गयी इसका एक मात्र कारण है राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की दुखती रत पर हाथ रख दिया।

उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अडानी के घोटालेबाजी और अडानी-मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया। उन्होंने दो सवाल पूछे थे- क्या अडानी की सल कंपनियों में रु 20000 करोड़ या 3 बिलियन डॉलर हैं अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। यह पैसा कहां से आया ? किसका काला धन है ? ये किसकी शेल कंपनियां हैं? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही हैं। कोई क्यों नहीं जानता यह किसका पैसा है इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है। कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है प्रधानमंत्री मोदी जी का अडानी से क्या रिश्ता है उन्होंने श्री अडानी के विमान में आराम करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में हवाई अड्डों के बारे में श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में, बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) के चेयरमैन के साथ बैठे  नरेंद्र मोदी और श्री अडानी की तस्वीरें जिन्होंने कथित तौर पर $1 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था के बारे में दस्तावेज दिए। यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था।

मोदी सरकार ने सवाल का जवाब तो नहीं दिया उल्टे राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और  राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। क्यों संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में, भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर श्रच्ब् (संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है। श्री राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोक सभा अध्यक्ष महोदय को राहुल जी ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें। इसके बाद तीसरी बार अध्यक्ष जी से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष जी ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इनकार कर दिया। इससे साफ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो।
दूसरा घटनाक्रम
13 अप्रैल 2019 कर्नाटक के कोलार में चुनावी भाषण देते हैं श्री राहुल गांधी 16 अप्रैल 2019 बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात के सूरत में शिकायत दर्ज कराई। 07 मार्च 2022 शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत पर गुजरात उच्च न्यायालय से रोक लगाने की मांग की हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। 07 फरवरी 2023 श्री राहुल गांधी ने लोकसभा में अडानी और पीएम मोदी के रिश्तों पर सवाल उठाते हुए भाषण दिया । 16 फरवरी 2023 शिकायतकर्ता ने गुजरात उच्च न्यायालय में रहने के अपने अनुरोध को वापस ले लिया। 27 फरवरी 2023 निचली अदालत में सुनवाई फिर से शुरू। 23 मार्च 2023 ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई। 24 मार्च 2023 लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता रद कर दी। हम न्यायिक प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। आगे हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के तीन दिन के अंदर लोकसभा के गृह समिति ने राहुल गांधी को मकान खाली करने के लिये 30 दिन का नोटिस दे दिया। यह सारी कार्यवाही यह बताने के लिये पर्याप्त है कि इस देश में ताना‘‘ ही और असहिष्णु सरकार चल रही है।बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है- सबसे पहले, उन्होंने दावा किया कि श्री राहुल गांधी ने ‘‘विदेशी ताकतों से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा। ये एक सफेद झूठ है । अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें, तो उन्होंने कहा कि ये भारत का अंदरूनी मामला है, हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है। दूसरा, भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि श्री राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था! ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा । जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है? तीसरा सूरत. गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर- भाजपा ने श्री गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए बिजली की गति से काम किया, भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था! भाजपा श्री राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है ? भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है – सबसे पहले, श्री राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी) क्यों है उन्होंने ऐसा नहीं है कि ‘‘सारे मोदी चोर हैं‘‘ । उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। दूसरा, न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है। और उनकी जाति जो भी हो, क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की? भाजपा धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचा रही है? तीसरा, कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है।
आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आजतक किसी को नहीं मिली है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद, आरके सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था लेकिन उन्हें केवल 1 साल की जेल हुई। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना आजाद जी को या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेजों ने सजा दी। अंततः कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की। अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिए श्री राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लड़ेगी, फिर जीतेगी। यह प्रहार सिर्फ राहुल गांधी पर नहीं यह आक्रमण दें‘‘ के समूचे विपक्ष पर यह दें‘‘ की 135 करोड़ जनता को धमकाने की साजि‘‘ है। राहुल गांधी विपक्ष के सबसे प्रभाव गली नेता है। जब उनकी सदस्यता रद्द कर सकते है उनकी आवाज दबा सकते है तब आम आदमी की क्या बिसात? यह भारत के प्रजातंत्र में तानाशाही‘‘ की शुरूआत है कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं। हम जनता के बीच जायेंगे, देश के हर गली, मोहल्ले, चैक-चैराहे को संसद बनायेंगे। कहां-कहां आप हमारी आवाज रोकेंगे?

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