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शिवरीनारायण में 8 अप्रैल से तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम

ममता चंद्राकर,अनुराधा पौडवाल और अनूप जलोटा की होगी प्रस्तुति, राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास कार्यों का लोकार्पण भी होगा

रायपुर। इस साल  रामनवमी के अवसर पर 8,9 और 10 अप्रैल को शिवरीनारायण धाम,विष्णु कांक्षी तीर्थ में राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास कार्यों का लोकार्पण समारोह आयोजित किया जा रहा है। तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन में देश और  छत्तीसगढ़ के के प्रतिष्ठित कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। समारोह का शुभारंभ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और समापन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे।

प्रदेश स्तर पर रामायण मंडलियों की मानस गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें  लगभग 7 हज़ार मानस गायकों ने भाग लिया  है।   चयनित 25 जिलों के मानस मंडलियों के लगभग 350 कलाकार  शिवरीनारायण में  8,9 और 10 अप्रैल को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 10 अप्रैल को विजेता प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  पुरस्कार वितरित करेंगे।प्रथम पुरस्कार 5 लाख ₹, द्वितीय पुरस्कार 3 लाख ₹ और तृतीय पुरस्कार 2 लाख ₹ विजेताओं को प्रदान किए जाएंगे।10 अप्रैल को प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त विजेता दल की प्रस्तुति  मुख्यमंत्री श्री बघेल  के समक्ष होगी। तीन दिवसीय इस आयोजन में 8 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की स्वर कोकिला पद्मश्री ममता चंद्राकर,9 अप्रैल को मुंबई की सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल,10 अप्रैल को जस गीत सम्राट दिलीप षडंगी, संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के भूतपूर्व छात्र छात्राओं के द्वारा  राम – शबरी प्रसंग पर आधारित नृत्य नाटिका और भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा की प्रस्तुति होगी।

कार्यक्रम की तैयारियों का जायज़ा लेने,कार्यक्रम स्थल के निरीक्षण और कार्यक्रम के सुचारू प्रबंधन के लिए आवश्यक दिशा – निर्देश प्रदान करने के लिए 4 अप्रैल को सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अन्बलगन पी. शिवरीनारायणगए थे । महंत राम सुंदर दास की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कलेक्टर जांजगीर – चांपा – जितेंद्र कुमार शुक्ल, एसपी जांजगीर – अभिषेक पल्लव, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड अनिल कुमार साहू, संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व विवेक आचार्य,राम वन गमन पर्यटन परिपथ की की नोडल अधिकारी अनुराधा दुबे, नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य लोग मौजूद थे।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहरों के साथ ही गौरवशाली प्राचीन लोक संस्कृति का भी अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। छत्तीसगढ़ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का ननिहाल होने के कारण उनकी कर्मभूमि भी है। 14 वर्षों के कठिन वनवास काल में श्रीराम ने अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था माता कौशल्या की जन्म भूमि होने के कारण छत्तीसगढ़ में श्री राम को भांजे के रूप में पूजा जाता है। छत्तीसगढ़ में सांस्कृतिक धरोहर परंपराओं और रामायण कालीन अवशेषों को सहेजने और संवारने के उद्देश्य से राज्य में चिन्हांकित 75 स्थलों में से प्रथम चरण में 9 स्थानों पर राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत अधोसंरचना विकास कार्यों, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में पिछले वर्ष राम नवमी के अवसर पर माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी का लोकार्पण किया गया है।इस वर्ष रामनवमी के अवसर पर शिवरीनारायण में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

 

 

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