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स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने रेमडेसिवियर इंजेक्शन की डिमांड की, आखिर क्या है इस इंजेक्शन की खूबी

रायपुर 8 अप्रैल 2021। कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री की हाईलेवल मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रेमडेसिवियर इंजेक्शन की डिमांड की। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने बैठक में कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। आईसीयू बेड की कमी है जिसे दूर किया जा रहा है। इलाज के लिए मानव संसाधन बढ़ाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि यदि रेमसिडिवीयर इंजेक्शन की उपलब्धता अन्य राज्यों में है, तो वहां से रेमडेसिवियर इंजेक्शन मंगाने की पहल की जानी चाहिए।

बैठक में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि रायपुर में कोविड के इलाज को लेकर जो दबाव बन रहा है उसे कम करने के लिए जिलों में सुविधाएं बढ़ानी चाहिए। अधिक मूल्य में समान बेचने वाले व्यवसायियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। मास्क न पहनने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए।

नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर सीएचसी एवं पीएचसी के माध्यम से भी इलाज उपलब्ध कराया जाना चाहिए एवं बेड की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए।
लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने सुझाव देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों में इलाज की दर का निर्धारण किया जाना चाहिए ताकि मरीजों से बेहिसाब राशि न ली जाए। बैठक में अन्य मंत्रीगणों ने भी अपने सुझाव दिए।
रेमडेसिवियर एंटी वायरल इनफेक्शन इंजेक्शन है. यह इंजेक्शन कोई नई चीज नहीं है. यह पहले भी इस्तेमाल किया जा रहा है. यह पहले भी SARS गंभीर बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता था. जैसा कि हम पहले भी बहुत जगह पढ़ चुके हैं कि कोरोनावायरस SARS  की फैमिली का ही एक वायरस है. इसीलिए WHO ने यह फैसला किया था  कि यह इंजेक्शन CIVID19 के लिए भी उतना ही कारगर हो सकता है.अगर बात करें भारत की तो भारत में यह इंजेक्शन इस महीने के अंत में इस्तेमाल किया जाएगा. भारत में DCGI ने भी  कोरोना  के इमरजेंसी केस में  रेमडेसिवियर को जल्द से जल्द इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है.
मरीजों के अध्ययन में भी यह देखा गया है कि जिन मरीजों के स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट के साथ-साथ रेमडेसिवियर का इस्तेमाल किया जा रहा है उन मरीजों में जल्दी इंप्रूवमेंट देखने को मिल रही है.  रेमडेसिवियर दवा क ट्रीटमेंट 5 दिन चलता है, यानी के इस दवा का कोर्स 5 दिन का ही है. कई बार ऐसा होता है हम लोग  जिन चीजों के लिए काम करते हैं वह चीज कारगर नहीं रहती. वैसा ही रेमडेसिवियर के साथ भी हुआ है.दरअसल रेमडेसिवियर दवाई इबोला के ट्रीटमेंट के लिए बनाई जा रही थी. परंतु ही इबोला कि ट्रीटमेंट में यह क्लिनिकल ट्रायल में फेल हो गई.  इसलिए यह दवाई अब  इबोला  के लिए इस्तेमाल नहीं की जा रही है।
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