रायपुर। राजभवन से बड़ी खबर सामने आ रही है. राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने आरक्षण संशोधन विधेयक वापस लौटा दिया है। आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर का लंबे समय से इंतजार था, लेकिन अब राज्यपाल ने इसे लौटा दिया है। बता दें कि आरक्षण संशोधन विधेयक के चलते कई भर्तियां रूकी हुई थी। इससे पहले पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किए थे, अब वर्तमान राज्यपाल के भी आरक्षण विधेयक को वापस लौटाने से राजनितिक गलियारों में हलचल की संभावना है।
क्या है आरक्षण संशोधन विधेयक
बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 को विशेष सत्र बुलाकर पास किया गया था। इस आरक्षण संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया गया था। सदन में एक साथ दो विधेयक छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियो, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 सर्वसम्मति से पारित किया गया था।