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आरबीआई को आर्थिक मोर्चे पर दिख रही है अनिश्चतता, कहा- महंगाई पर काबू करना प्राथमिकता

कोरोना संक्रमण की  दूसरी लहर की वजह से कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी और लॉकडाउन की आशंकाओं की वजह से आरबीआई को आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता की स्थिति दिख रही है. यही वजह है के पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में ब्याज दरों को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया गया. एमपीसी की बैठक 7 अप्रैल को खत्म हुई. इस बैठक के जो मिनट्स जारी हुए हैं, उनसे पता चलता है कि आरबीआई गवर्नर आर्थिक रिकवरी की रफ्तार को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.

हालांकि उनका कहना था कोरोना संक्रमण की वजह से राज्यों में जिस तरह का आंशिक लॉकडाउन लगाया जा रहा है और उससे  ग्रोथ के मोर्चे पर अनिश्चितता की स्थिति पैदा हुई है. ऐसी स्थिति में मौद्रि नीति ऐसी होनी चाहिए जो मौजूदा अर्थव्यवस्था के मुफीद हो. एमपीसी का कहना है कि जब तक अर्थव्यवस्था में रिकवरी नहीं दिखती तब तक आरबीआई की मौद्रिक नीति मददगार बनी रहेगी. आरबीआई एमपीसी का कहना था कि मांग में अभी भी काफी कमी दिख रही है. इसके साथ ही महंगाई पर भी नियंत्रण जरूरी है. ऐसे में आगे आरबीआई संतुलन भरा कदम उठाएगा.

रिजर्व बैंक ने पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान ब्याज दरों को यथावत रखा था. आरबीआई के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती महंगाई को थामने की है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में आर्थिक गतिविधियों को झटका लगने की वजह से बड़ी तादाद में लोगों के रोजगार पर चोट पड़ी है. बड़ी संख्या में लोगों को वेतन कटौती और बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है. आरबीआई का कहना है महंगाई को काबू करना उसकी बड़ी प्राथमिकता है.

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