० मनरेगा के प्रत्येक परिवार को मिले रोजगार, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के कार्यों को गंभीरता के साथ कराएं
जांजगीर चांपा। जिला पंचायत सभाकक्ष में कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन के निर्माण कार्यों की सिलसिलेवार समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से हितग्राही मूलक कार्यों को लिया जाए और गंभीरता के साथ उनको पूर्ण किया जाए।
उन्होंने कहा कि हितग्राही मूलक कार्यों से गांव में अजीविका गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है और गांव में ही रोजगार प्राप्त करते हुए ग्रामीण आर्थिक रूप से मजबूत बनता है, इसलिए हितग्राही मूलक कार्यों को अधिक से अधिक लिया जाए। उन्होंने कहा कि एस सी, एस टी, लघु कृषक, विधवा परित्यक्ता एसएसजी समूह की महिलाओं की निजी भूमि पर एवं वन अधिकार पट्टा धारियों की निजी भूमि पर अधिक से अधिक हितग्राही मूलक कार्यों को किया जाए। उन्होंने एन आर एल एम के तहत अजीविका संवर्धन कार्यों सको मनरेगा से अभिसरण करते हुए महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।
उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों में प्रत्येक परिवार को 100 दिवस का रोजगार अनिवार्य रूप से दिये जाने, प्रति सप्ताह प्लान बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। इसके अलावा प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के तहत किए जा रहे कार्यों को प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीण अधोसंरचना संरचना के कार्यों के तहत स्कूल, स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंच मार्ग बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठान एवं चारागाह के समीप नया तालाब का निर्माण किया जाए। पिछले वित्तीय वर्ष के कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण करते हुए कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जाए। इसके अलावा उन्होंने मनरेगा के तहत दिशा निर्देशों को गंभीरता के साथ पालन करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ ज्योति पटेल मौजूद रही। बैठक में जनपद पंचायत सीईओ, कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक मौजूद रहे।
आजीविका गतिविधियों से जोड़े महिलाओं को
कलेक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांव कि महिलाओं को समूह से जोड़ते हुए बेहतर कार्य किए जाएं , अन्य योजनाओं से अभिसरण करते हुए उन्हें रोजगार उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि समूह कि सदस्यों को शेड, भूमि समतलीकरण आदि का कार्य मनरेगा अभिसरण के माध्यम से किया जाए। सामुदायिक शौचालय का सक्रिय संचालन व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में आजीविका उपार्जन आदि का कार्य किया जाए। एनआरएलएम में छूटे परिवारों का शत प्रतिशत संतृप्तिकरण, अन्य विभागों व संस्थानों जैसे नाबार्ड, सी एस आर के समूह को एनआरएलएम में लाना है। सभी स्व सहायता समूहों को आर एफ और सीएलएफ को रोटेशन में भी जारी किया जाए। आजीविका हेतु एमसीपी प्लान बनाते हुए सीएलएफ और बैंक लिंकेज का उपयोग किया जाए। प्रत्येक ब्लॉक मे कम से कम 500 स्व सहायता समूह सदस्यों का आजीविका स्थापना व संवर्धन में सहयोग और सीएमएस कृषि अन्तर्गत सम्बंधित विभागों के समन्वय से कार्य हो।