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छत्तीसगढ़ में फिर मास्क अनिवार्य

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की दर कम होते ही कोरोना प्रतिबंधों में लापरवाही से प्रतिबंध फिर लौट आए हैं। सरकार ने प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क को फिर से अनिवार्य कर दिया है। सार्वजनिक स्थलों पर थूकने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करने की हिदायत दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव राजेंद्र सिंह गौर ने सोमवार शाम को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए। इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक स्थलों, कार्यालयों, बाजारों, अस्पतालों, भीड़भाड़ वाले स्थानों और गलियों में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को फेस मास्क पहनना अनिवार्य होगा। कार्यालयों और कारखानों में भी फेस मास्क अथवा फेस कवर पहनने की अनिवार्यता बनी रहेगी। सार्वजनिक स्थलों पर थूकना प्रतिबंधित रहेगा।

दुकानों और व्यावसायिक संस्थानों को फिजिकल डिस्टेंसिंग के दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह आदेश 11 अप्रैल 2020 को ही जारी आदेश का विस्तार है। इन प्रतिबंधों को कभी खत्म नहीं किया गया। अभी इसकी जरूरत महसूस हुई है तो इसको फिर से प्रसारित किया जा रहा है।

दो सप्ताह पहले मास्क से जुर्माना हटाया था

छत्तीसगढ़ में पिछले एक-डेढ़ महीने से कोरोना के नए मामले काफी कम हो गए हैं। करीब 40 दिनों से किसी मरीज की मौत भी नहीं हुई। इसकी वजह से कोरोना प्रतिबंधों पर प्रशासन ने ढील दे दी थी। दो सप्ताह पहले सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं लगाने वालों से जुर्माना हटा लिया था।

मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही दिए थे संकेत

शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना के नए खतरे पर पूछे गए एक सवाल पर इस तरह के प्रतिबंधों के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था, हम लोग सोच रहे थे कि तीसरी लहर समाप्त हो गई। दिल्ली में केस बढ़े हैं। वहां प्रतिबंधात्मक कदम उठाए गए हैं। मध्य प्रदेश से भी ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं। हम लाेग भी इस पर विचार करेंगे। अगर आवश्यकता पड़ी तो इससे सुरक्षा के जो उपाय हैं उसके लिए निश्चित रूप से आदेश जारी करेंगे।

दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कुछ प्रदेशों में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। ऐसे में उन प्रदेशों में कोरोना गाइडलाइन पर सख्ती फिर बढ़ने लगी है। ऐसे प्रतिबंध छत्तीसगढ़ में भी लौट सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा, जरूरत पड़ी तो यहां भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

कोरोना के नए खतरे पर पूछे गए एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यह चिंता का विषय है। हम लोग सोच रहे थे कि तीसरी लहर समाप्त हो गई। दिल्ली में केस बढ़े हैं। वहां प्रतिबंधात्मक कदम उठाए गए हैं। मध्य प्रदेश से भी ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं। हम लाेग भी इस पर विचार करेंगे। अगर आवश्यकता पड़ी तो इससे सुरक्षा के जो उपाय हैं उसके लिए निश्चित रूप से आदेश जारी करेंगे।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की साप्ताहिक दर एक प्रतिशत से भी काफी नीचे है। इसकी वजह से अभी कोई चिंता की बात नहीं है। लेकिन अगर संक्रमण दर एक प्रतिशत से अधिक होता है तो यह अलार्मिंग होगा। ऐसे में कोरोना नियमों को लेकर थोड़ी सख्ती जरूरी होगी। ऐसा दिन फिर न लौटे इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनकर और भीड़भाड़ से बचकर इस खतरे को रोका जा सकता है।

प्रदेश में अभी कोरोना के ऐसे हैं हालात

स्वास्थ्य विभाग ने बताया, शनिवार को तीन हजार 834 नमूनों की जांच की गई। इनमें से केवल तीन लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। ये सभी मरीज रायपुर जिले से ही सामने आए हैं। प्रदेश के शेष 27 जिलों से कोरोना का एक भी नया मामला सामने नहीं आया। हालांकि शनिवार को कोरोना का कोई मरीज डिस्चार्ज भी नहीं हुआ। ऐसे में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।

 

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