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सीता नवमी आज: राम-सीता की करें व्रत एवं पूजा, दांपत्य जीवन होगा सुखमय

आज 29 अप्रैल को सीता नवमी है. आज वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. त्रेतायुग में इस तिथि को मिथिला में राजा जनक की पुत्री के रूप में मां सीता का प्रकाट्य हुआ था. इस दिन को जानकी जयंती के रूप में भी मनाते हैं. आज रवि योग बना हुआ है. विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और सीता जी के साथ श्रीराम की पूजा करती हैं. इससे दांपत्य जीवन सुखमय होता है और सौभाग्य बढ़ता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं सीता नवमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और ज्योतिष उपाय.

सीता नवमी 2023 मुहूर्त
वैशाख शुक्ल नवमी ति​थि की शुरूआत: 28 अप्रैल, शुक्रवार, शाम 04 बजकर 01 मिनट से
वैशाख शुक्ल नवमी ति​थि की समाप्ति: 29 अप्रैल, शनिवार, शाम 06 बजकर 2 मिनट पर
सीता नवमी पूजा मुहूर्त: आज, सुबह 10 बजकर 19 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक
रवि योग: आज, दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से कल सुबह 05 बजकर 05 मिनट तक
वृद्धि योग: आज, सुबह 10 बजकर 32 मिनट से पूरी रात तक.
आज का अभिजित मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 12 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक

सीता नवमी व्रत और पूजा विधि
आज प्रात: स्नान और ध्यान के बाद सीता नवमी व्रत और पूजा का संकल्प करें. उसके बाद शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता सीता और प्रभु राम की तस्वीर को स्थापित करें. फिर फूल, अक्षत्, चंदन, सिंदूर, फल, धूप, दीप, माला आदि से पूजन करें. दूध की मिठाई या लड्डू का भोग लगाएं. इसके बाद माता सीता और प्रभु राम की आरती करें. पूजा के बाद हाथ जोड़कर सुखी दांपत्य जीवन की प्रार्थना करें.

इसके बाद शाम के समय में संध्या आरती करें. माता सीता और राम जी के भजन सुनें. सीता जन्म की कथा सुन सकते हैं. रात्रि जागरण करें. फिर अगले दिन सुबह में स्नान और ध्यान के बाद अपनी क्षमता अनुसार दान दक्षिणा दें. फिर पारण करके व्रत को पूरा करें.

 

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