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कोरोना के इस दौर में भी मार्केट क्यों भर रहा है कुलांचे, क्या यह निवेश के लिए सही वक्त है?

कोरोना लहर के इस संकट में भी शेयर बाजार कुलांचे भर रहा है. सेंसेक्स ने मंगलवार को 50 हजार का आंकड़ा छू लिया. मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों 1.24 फीसदी चढ़ कर बंद हुए. निफ्टी मिडकैप इंडेक्स तो लाइफ हाई टाइम पर पहुंच गया. आखिर कोरोना के इस संकट में बाजार की इतनी अच्छी रफ्तार क्यों है वह भी तब, जब रेटिंग एजेंसियों ने लगातार जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान में गिरावट दर्ज की है.

विश्लेषकों का कहना है कि पिछली बार की तरह ही इस बार देशव्यापी लॉकडाउन का न लगना बाजार के उत्साह बढ़ाने का सबसे मजबूत कारक है. निवेशकों को वैक्सीनेशन पर भी भरोसा  है. उनका मानना है कि अगले कुछ दिनों में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ेगी. कई कंपनियों के वैक्सीन के बाजार उतरने की संभावनाओं से भी शेयर मार्केट में उत्साह है. देश के कई राज्यों में लॉकडाउन और आंशिक प्रतिबंधों के बावजूद मैन्यूफैक्चरिंग जारी है. यह स्थिति बाजार को रफ्तार दे रही है. बाजार को एफपीआई का भी समर्थन मिल रहा है.

इस बीच सेंसेक्स और निफ्टी में शामिल बड़ी कंपनियों का वित्तीय रिजल्ट काफी अच्छा रहा है. छोटी और मझोली कंपनियों को भले ही ज्यादा मुनाफा न हो रहा हो लेकिन बड़ी कंपनियों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है. इससे निवेशक उत्साहित है. इसके अलावा जिन्हें लग रहा था कि बाजार नीचे जा सकता है कि उन्हें अब यह ऊपर जाता दिख रहा है. वे सोच रहे हैं कि बाजार में अब वही तेजी आई तो वह पीछे न छूट जाएं इसलिए अपना निवेश बढ़ा रहे हैं. इस रैली में वह पीछे न छूट जाएं इस वजह से वे खरीदारी कर रहे हैं इसलिए भी बाजार ऊपर जा रहा है. हालांकि विश्लेषकों का कहना है छोटे निवेशकों के लिए यह निवेश का सही वक्त नहीं है.  कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के बावजूद मार्केट का वैल्यूएशन बीते दिनों में काफी बढ़ा है. ऐसे में सावधानी से व्यापार करना चाहिए. तिमाही नतीजों, विदेशी बाजारों से संकेत,  एफआईआई निवेश, कोविड की स्थिति का मार्केट पर असर होगा.

 

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