दिल्ली में कोरोना की ताजा स्तिथि और सिंगापुर स्ट्रेन को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ट्वीट को लेकर हो रहे विवाद पर अब स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि, दिल्ली और देश को बचाने के लिए जो जरूरी वो करना चाहिये.
कल 4482 केस आये थे, 6.89% पॉजिटिविटी दर थी. जबसे लॉकडाउन लगा है केस धीरे-धीरे कम हो रहे हैं. 28 हजार केस से आंकड़ा 4 हजार के करीब पहुंच गया है.
स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन बोले कि, “टारगेट तो यही रहता है कि पॉजिटिविटी रेट 5% से कम होना चाहिए. लेकिन 2% से कम आना चाहिए. दिल्ली में अचानक केस बढ़ने से पहले 1-2% पॉजिटिविटी रेट चल रहा था फिर अचानक तेजा से बढ़ा और 36% पर चला गया. लॉकडाउन कब खोला जायेगा इस पर अभी कुछ नहीं कह सकते. अभी स्तिथि पहले से बेहतर है, हमारा टारगेट है कि पॉजिटिविटी दर 2% से कम होना चाहिए लेकिन मेरा टारगेट 0 है कि एक भी केस न आये.”
स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि, “कोवैक्सीन 18-44 साल के लोगों के लिए खत्म हो चुकी है और कोवीशील्ड 18-44 साल के लोगों के लिए 2 दिन की बाकी है. अभी केंद्र सरकार ने कोई भरोसा नहीं दिया है. अभी हम आशा कर रहे हैं कि वैक्सीन आ जायेगी.”
सत्येन्द्र जैन ने कहा, “इस समय कोरोना के बहुत सारे स्ट्रेन हैं जैसे-जैसे म्यूटेंट आता है वैसे-वैसे स्ट्रेन का नाम अलग रखा जाता है. भारत मे कई सारे स्ट्रेन इस वक्त हैं, जीनोम सिक्वेंसिंग से पता चलता है. शाम तक इसे स्पष्ट कर देंगे. स्ट्रेन तो अलग है ही ये पक्का क्लियर है. स्ट्रेन कहां का है इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि ये कोरोना का स्ट्रेन है. वेरियंट जितने भी होते हैं उनकी पहले जीनोम सिक्वेंसिंग होती है उसके बाद पता चलता है. वेरियंट नहीं है ये कहना बहुत गलत है. आपका ये कहना कि सिंगापुर में कोई वेरियंट नहीं है तो सिंगापुर में केस भी नहीं होना चाहिए था, केस तो हैं.”
सत्येन्द्र जैन बोले, “जब लंदन से फ्लाईट आ रही थीं तो हमने सरकार से कितनी रिक्वेस्ट की थी कि लंदन से आने वाली फ्लाइट रोक दी जाये. एक साल पहले यूरोप से आने वाली फ्लाइट को लेकर हमने कहा था कि यूरोप से आने वाली फ्लाइट पूरे देश में रोक दीजियेगा. तब भी हमारे खिलाफ कहा गया था कि आप क्यों ऐसी मांग कर रहे हैं. दिल्ली को या देश को हमें बचाने के लिये जो करना है करना चाहिए.”
सत्येन्द्र जैन ने कहा, “दिल्ली सरकार तीसरी वेव के लिये भी तैयारी कर रही हैं. बच्चों के लिए भी और बाकी सब के लिए भी. इस बार जो वेव आई थी उसका अंदाज़ा नहीं था किसी भी एजेंसी ने पहले नहीं कहा था कि ऐसी कोई लहर दोबारा से इतनी तेजी से आ सकती है. जो स्पीड थी वो बहुत ज्यादा थी. इस बार कहा गया है तो हम बिल्कुल तैयारी रखेंगे.”
सत्येन्द्र जैन बोले, “प्लाज्मा को स्पेसिफिक थेरेपी नहीं कहा गया है. जितनी भी दवाइयां चल रही हैं कोरोना के इलाज को लेकर उनमें से स्पेसिफिक तो एक भी नहीं है. ऐसे ही उन्होंने क्लियर कहा है कि प्लाज्मा स्पेसिफिक ट्रीटमेंट नहीं है लेकिन अगर डॉक्टर इस्तेमाल कर रहे हैं तो करेंगे ही. ये डॉक्टर पर निर्भर करता है.”
सत्येन्द्र जैन ने कहा, “हमारी जो भी मांग होती है पहले उसका मजाक बनाया जाता है. उसे उपेक्षित किया जाता है. मुख्यमंत्री ने सबसे पहले ही कहा था कि 45 साल से ऊपर के लोगों को सभी को वैक्सीन लगा दें फिर उन्होंने कर दिया. फिर सीएम ने कहा 18 से ऊपर के सभी लोगों को लगानी चाहिए तब भी ऐसे ही हुआ. अब हमने कहा देश में वैक्सीन बनाने की टेक्नोलॉजी है. तो प्रोडक्शन की क्षमता हमारे देश में लगभग 1 करोड़ वैक्सीन रोज की है. तो देश सिर्फ अपने लिये नहीं दूसरे देशों के लिए भी बना सकता है. बिल्कुल बनानी चाहिए. मैं उनके बयान का स्वागत करता हूं.”
सत्येन्द्र जैन ने कहा, “दिल्ली में इस समय कुल 27 हजार के करीब बेड हैं जिनमे 13 हजार बेड खाली हैं. साढ़े 6 हजार के करीब ICU बेड हैं जिसमें 1200 के करीब खाली हैं. स्तिथि पिछले कुछ दिनों से बेहतर होती जा रही है. मैं चाहूंगा कि नए केस न आएं.”
सत्येन्द्र जैन ने बोले, “ब्लैक फंगस का इलाज स्टैंर्ड प्रोटोकॉल के तहत किया जाता है. इसका इलाज घर पर नहीं किया जा सकता, अस्पताल में इसका इलाज पहले भी हो रहा था. लोग बाजार में दवाई मिलने की बात कर रहे हैं लेकिन बाजार में मिलना जरूरी नहीं है, कोशिश की जाएगी कि हॉस्पिटल को दवाई सीधे मिल जाये. दवाई की प्रोडक्शन पहले कम थी हमने मांग की है कि हमें बहुत बड़ी मात्रा में इसकी डोज दी जाए. करीब 1 लाख डोज की डिमांड हमने केंद्र से की है.”
सत्येन्द्र जैन ने कहा, “दिल्ली में साउथ वेस्ट के एरिया में काफी ग्रामीण इलाके हैं इस लहर में वहां पर काफी केस थे और इसीलिए दिल्ली सरकार ने सबसे ज्यादा टेस्टिंग वहां पर की है. एक दिन में 10-12 हजार टेस्ट एक ही डिस्ट्रिक्ट में कर रहे थे. अब पिछले 4-5 दिन से स्तिथि में सुधार आया है अब वहां पर पॉजिटिविटी काफी कम हुई है.”
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