लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Life Insurance Policy) खरीदते वक्त इस बात पर जरूर ध्यान देना चाहिए कि आप कितना प्रीमियम (Premium) दे सकते हैं. अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो प्रीमियम को कम किया जा सकता है लेकिन यह पॉलिसी कवरेज में समझौते की कीमत पर नहीं होना चाहिए. आज हम आपको बताएंगे कि पॉलिसी कवर के फायदे को बिना कम किए प्रीमियम का बोझ कैसे घटाया जा सकता है.
लाइफ इंश्योरेंस कम उम्र में खरीदना चाहिए. जानकार मानते हैं कि इसके लिए 28-30 की उम्र सबसे उपयुक्त है. कम उम्र में पॉलिसी खरीदने पर कम प्रीमियम में ही लाइफ इंश्योरेंस के सभी फायदे मिलते हैं.
टर्म प्लान लेना एक फायदे का सौदा है. इसके जरिए कम प्रीमियम में आपको बड़ा कवरेज मिल जाता है. टर्म प्लान लेते वक्त भी सावधानी बरतनी चाहिए. टर्म प्लान में गंभीर बीमारी के इलाज और दूसरे राइडर को शामिल कर सकते हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर इसका फायदा ले सकें. जानकारों का कहना है कि 35 साल के व्यक्ति को अपनी सालाना आय का 10 से 15 गुना का कवर लेना चाहिए. ध्यान रखें कि टर्म इंश्योरेंस के मैच्योर होने पर कोई पैसा नहीं मिलता है. अगर पैसा वापस चाहिए तो ऐसे टर्म प्लान काफी महंगे होते हैं.
पॉलिसी का चुनाव बहुत सोच समझ कर अच्छे जानकार से राय लेने के बाद करना चाहिए. लाइफ इंश्योरेंस की अवधि भी बहुत अहमियत रखती है. यह न तो बहुत कम होनी चाहिए और न बहुत ज्यादा. अवधि यदि कम हुई तो हो सकता है कि आपकी वित्तीय जिम्मेदारियों के पूरा होने से पहले ही पॉलिसी खत्म हो जाए. वहीं अवधि के ज्यादा लंबे होने पर प्रीमियम का बोझ बढ़ेगा.
जब भी पॉलिसी खरीदें तो पहले कई पॉलिसी के बीच अच्छी तरह तुलना करें. विभिन्न पॉलिसियों का प्रीमियम, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो, कुल कवर राशि और मिलने वाली सुविधाओं के बीच तुलना करनी चाहिए. आप इस काम के लिए ऑनलाइन वेबसाइट्स की भी मदद ले सकते हैं.
राइडर बिना किसी कारण के नहीं खरीदने चाहिए. राइडर से मतलब पॉलिसी के साथ अन्य सुविधाएं लेने से हैं. कंपनियां सस्ते राइडरों का ऑफर देकर ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करती हैं लेकिन जरूरत के मुताबिक ही इन्हें खरदीना चाहिए. राइडर आपके प्रीमियम का बोझ बढ़ाते हैं.
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