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बाजार की गिरावट में इस तरह निवेश करना होता है फायदेमंद, लंबे समय बाद मिलता है तगड़ा मुनाफा

अक्सर जब निवेश की बात आती है तो निवेशक बाजार पूंजीकरण (Market capitalization) आधारित विकल्पों को देखते हैं. हालांकि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की इस प्रक्रिया में जो चीज छूट जाती है वह है कांबिनेशन डील यानी मिला-जुला सौदा, जो लार्ज और मिडकैप श्रेणी के रूप में खास तौर पर मौजूद है. इसकी विशेषता यह है कि मिडकैप में निवेश लंबे समय में जहां ज्यादा फायदा देता है, वहीं लार्ज कैप में निवेश का उद्देश्य कम और अस्थिर उचित रिटर्न प्रदान करने का होता है.

ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है. इसमें पोर्टफोलियो (Portfolio) का कम से कम 35-35 प्रतिशत हिस्सा लार्ज और मिडकैप वाली कंपनियों में निवेश करने की अनिवार्यता है. इसलिए यह निवेश का यह एक बेहतर विकल्प है.

कहां होता है निवेश?

वास्तव में इस योजना के लिए निवेश में बाजार पूंजीकरण के मामले में शीर्ष पर 250 लिस्टेड कंपनियां हैं. शेयर बाजार की तेज गिरावट में म्यूचुअल फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है. देश में इस उद्योग में निवेशकों के निवेश की कुल कीमत यानी एयूएम (AUM) बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 38 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है. सूचीबद्ध शीर्ष 100 कंपनियां लार्ज कैप और 101-250 तक की कंपनियां मिडकैप कहलाती है.

गिरावट में अच्छा रिटर्न

यह श्रेणी मुख्य रूप से सेबी (SEBI) के फिर से वर्गीकरण योजना के बाद से अस्तित्व में आई है. हालांकि अक्तूबर के बाद से बाजार में चल रही गिरावट में भी इस फंड ने अच्छा प्रदर्शन किया है. उदाहरण के तौर पर बीएसई लार्ज मिड कैप बेंचमार्क (BSE Large Cap) का रिटर्न एक साल में 7.78 प्रतिशत का रिटर्न दिया है तो 3 साल में 13.19 प्रतिशत का फायदा दिया है. म्यूचुअल फंड की इस श्रेणी ने इसी समय में 6.93 और 13.64 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. जबकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लार्ज और मिड कैप ने एक साल में 14.93 और तीन साल में 15.21 प्रतिशत का फायदा दिया है.

स्मॉलकैप में महज चार प्रतिशत निवेश

इस तरह के लगातार बेहतर प्रदर्शन का कारण काफी हद तक स्मार्ट पोर्टफोलियो के निर्माण के विकल्पों को माना जाता है. 30 अप्रैल, 2022 तक पोर्टफोलियो के 57 प्रतिशत हिस्से में लार्जकैप शामिल था. इसके बाद मिडकैप में 33 प्रतिशत और स्मॉलकैप में केवल 4 प्रतिशत शामिल हैं. आमतौर पर पोर्टफोलियो का 40-55 प्रतिशत लार्ज कैप और 35-45 प्रतिशत मिडकैप में निवेश किया जाता है.

इन सेक्टरों पर फोकस

पोर्टफोलियो का बड़े पैमाने पर उन शेयरों और सेक्टर्स में निवेश किया जाता है जो टॉप डाउन और बॉटम अप नजरिये के मेल-जोल से चुने गए आर्थिक सुधार से फायदा पा सकते हैं. ऐसे में पोर्टफोलियो में बड़े पैमाने पर घरेलू और वैश्विक और चक्रीय रिकवरी शामिल है. इसलिए बैंक, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर और फाइनेंस में पोर्टफोलियो का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा होता है. इसमें जो शेयर पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में मदद किए हैं उनमें एयरटेल, एनटीपीसी, फेडरल बैंक और आईटी जैसे बड़े स्टॉक हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि हम निवेश का फैसला लेते समय उन शेयरों से दूर रहते हैं जिनमें कमजोर कैश फ्लो, नाजुक व्यापार का मॉडल और चुनौतीपूर्ण बैलेंसशीट हो. साथ ही संदेहास्पद मैनेजमेंट हो. हमारा उद्देश्य उचित मूल्य पर बेहतर शेयरों की तलाश करना है.

 

 

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