नई दिल्ली 31 मई 2021। मॉनसून के भारत के दक्षिणी राज्यों से टकराने में अब ज्यादा देर नहीं है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 31 मई को मानूसन के केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की है। ताजा पूर्वानुमान में IMD ने कहा कि तटीय केरल में सोमवार से मॉनसून के चलते बारिश शुरू हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तक मॉनसून 21 मई को ही पहुंच चुका था। IMD के वरिष्ठ वैज्ञानिक राहुल एम ने कहा, “केरल में 31 मई के करीब दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। इसके पांच जून तक गोवा पहुंचने की उम्मीद है।”
IMD के मुताबिक, इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना है। जून से लेकर सितंबर तक बारिश के आसार जताए गए हैं। पिछले महीने एक वर्चुअल ब्रीफिंग में, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने कहा था कि मॉनसून की लंबी अवधि का औसत (LPA) 98 प्रतिशत होगा, जो सामान्य श्रेणी में आता है। LPA 1961-2010 के बीच मॉनसून में हुई बारिश का औसत है जो कि 88 सेंटीमीटर बैठता है। 98% के पूर्वानुमान का मतलब है कि इस साल मॉनसून सीजन के दौरान करीब 86.2 CM बारिश होगी।
अगर 10 मई के बाद, केरल के 14 मौसम केंद्रों पर लगातार दो दिन 2.5 मिलीमीटर या उससे ज्यादा की बारिश होती है, तो दूसरे दिन मॉनसून के आने की घोषणा कर दी जाती है। पिछले दिनों यह पैमाना पूरा हो चुका है। हालांकि इसके लिए कुछ और मानकों का पूरा होना भी जरूरी है। जिनमें तय कोऑर्डिनेट्स के बीच हवा की न्यूनतम रफ्तार, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन का स्तर शामिल हैं।
मॉनसून सीजन तब शुरू होता है जब दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पहली बार केरल के दक्षिणी सिरे से टकराता है। वहां से आमतौर पर जून के पहले हफ्ते में और राजस्थान से सितंबर तक पीछे हट जाता है। इस साल मॉनसून के सामान्य रहने की संभावना 40 फीसदी है जबकि 21 फीसदी संभावना सामान्य से ऊपर है। यह लगातार तीसरा साल है, जब IMD ने अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है।
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