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ब्लैक फंगस: दिल्ली में 700 से ज्यादा केस, पंजाब में 43 की मौत, जानिए अन्य राज्यों का हाल

देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है. इस बीच अब ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस के मामलों की संख्या में भी बढोत्तरी दर्ज की जा रही है. कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित कर दिया है. राजधानी दिल्ली में वर्तमान में ब्लैक फंगस के 700 से ज्यादा केस हैं. वहीं, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में भी मामले बढ़ रहे हैं. साथ ही मौतें भी दर्ज की जा रही हैं. जानिए ब्लैक फंगस को लेकर ताजा अपडेट क्या है.

राजधानी दिल्ली में ब्लैक फंगस के 700 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जो अबतक सबसे ज्यादा हैं. वर्तमान में 100 से ज्यादा मरीजों का इलाज एम्स में चल रहा है. इसके अलावा 110 मरीजों का इलाज जीटीबी अस्पताल, 90 का सर गंगा राम में, 82 का लोक नायक में, 47 का मैक्स साकेत में और 25 मरीजों का सेंट स्टीफिन में चल रहा है.

पंजाब में ब्लैक फंगस से अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि राज्य में ब्लैक फंगस के कुल 300 मामले आए हैं, जिनमें से 23 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 234 का अब भी इलाज चल रहा है. राज्य में ब्लैक फंगस के जो 300 मामले आए हैं उनमें से 259 मरीज पंजाब के हैं जबकि 41 अन्य राज्यों के हैं.

हरियाणा में ब्लैक फंगस के कारण अब तक 75 लोगों की मौत हो गयी है जबकि 734 से अधिक लोगों का प्रदेश के विभिन्न अस्पताल में उपचार चल रहा है. सरकार ने बताया कि अब तक हरियाणा में ब्लैक फंगस के कुल 927 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से सबसे अधिक गुरूग्राम जिले में 242, रोहतक में 214 और हिसार में 211 मामले शामिल हैं.

उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के सात और मामले सामने आए, जबकि सात मरीजों ने दम तोड दिया. इस रोग से पीडित अब तक 244 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 27 की मृत्यु हो चुकी है.

हिमाचल प्रदेश में बुधवार को कोरोना के 29 मरीजों की मौत हो गई, जिनमें से चार मरीज ब्लैक फंगस (काला कवक) संक्रमण से भी पीड़ित थे. अधिकारी ने बताया कि जान गंवाने वाले कांगड़ा के दो मरीज और सोलन और हमीरपुर का एक-एक मरीज ब्लैक फंगस संक्रमण की चपेट में था.

एमपी के इंदौर में शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में पिछले 20 दिनों के भीतर इस बीमारी के 32 मरीजों की मौत हो गई है. एमवायएच, राज्य में ब्लैक फंगस का इलाज करने वाला सबसे व्यस्त अस्पताल है जहां इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती हैं. अस्पताल में कुल 439 मरीज भर्ती हो चुके हैं. इनमें से 84 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 32 मरीजों की मौत हो चुकी है.”

सरकार ने एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका इस्तेमाल म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार इंजेक्शन के निर्यात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है. इसका मतलब है कि एक निर्यातक को अपनी निर्यात खेप के लिए निदेशालय से विशेष अनुमति या लाइसेंस लेना जरूरी है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वह ‘भारी मन’ से केंद्र को निर्देश दे रहा है कि ब्लैक फंगस के उपचार में उपयोगी लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी के वितरण के लिये नीति बनाई जाए, जिसमें युवा पीढ़ी के मरीजों को प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि यही देश का निर्माण करेगी और उसे आगे ले जाएगी. दवा देते समय यह ध्यान रखा जाए कि जिनके जीवित रहने की बेहतर संभावना है, उन्हें और कम आयु वर्ग के लोगों को, उन वृद्धों की तुलना में प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिन्होंने अपनी जिंदगी जी ली है. इससे सभी नहीं तो, कुछ जिंदगियां जरूर बचायी जा सकती हैं.

 

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