नई दिल्ली: सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का अकाउंट दोबारा वेरिफाइड कर दिया है. सरकार की नाराजगी के बाद ट्विटर ने ये कदम उठाया है. सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा गया था कि उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है. संविधानिक पद पर बैठे व्यक्ति किसी पार्टी का हिस्सा नहीं होते. इसलिए सरकार ट्विटर की इस हरकत को संवैधानिक अनादर की नजर से देखती है.
इसके बाद ट्विटर ने अपनी स्वीकार की और उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू के ट्विटर अकाउंट को दोबारा वेरिफाइड कर दिया. अब से कुछ देर पहले ट्विटर ने उपराष्ट्रपति का अकाउंट अनवेरिफाइड कर दिया था. सरकार के कड़े रूख के बाद ट्विटर ने अपना फैसला वापस ले लिया.
उपराष्ट्रपति के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाने पर ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, “जुलाई 2020 से अकाउंट इनएक्टिवेट है. हमारी सत्यापन नीति के अनुसार अगर अकाउंट इनएक्टिवेट हो जाता है तो ट्विटर ब्लू टिक और वेरिफाइड स्टेटस हटा सकता है.” वहीं बीजेपी नेता सुरेश नाखुआ ने सवाल उठाया था, ‘ट्विटर ने उपराष्ट्रपति के अकाउंट से ब्लू टिक क्यों हटाया? यह भारत के संविधान पर हमला है.’ बता दें, आरएसएस के कई नेताओं कुष्ण कुमार, अरुण कुमार के साथ भैयाजी जोशी, सुरेश सोनी के ट्विटर अकाउंट भी अनवेरिफाइड कर दिए गए हैं. इन पर भी आपत्ति जताई गई थी.
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