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इनकम टैक्स बचाने के लिए क्या करें? ELSS में निवेश होगा फायदेमंद या फिक्स्ड डिपॉजिट करवाएं

भविष्य को बेहतर बनाने के लिए निवेश को काफी अहम माना जाता है. वहीं आजकल कुछ लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए भी निवेश करते हैं. इनकम टैक्स बचाने के लिए कई तरह की स्कीम में लोग पैसा निवेश करते हैं. टैक्स बचाने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में भी काफी लोग निवेश कर रहे हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) के तहत इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट हासिल की जा सकती है. इसके तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट का लाभ मिलता है. आइए जानते हैं कि दोनों में से बेहतर क्या है.

अगर FD के जरिए टैक्स बचाना चाहते हैं तो एफडी कम से कम पांच साल की होनी चाहिए. 80C के तहत इसके जरिए 1.5 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स छूट हासिल की जा सकती है. FD बैंकों के जरिए की जाती है और अलग-अलग बैंकों की एफडी में ब्याद दर अलग-अलग हो सकती है.

देश में कई म्यूचुअल फंड कंपनियां टैक्स सेविंग स्कीम चलाती हैं. इन कंपनियों के पास इनकम टैक्स बचाने के लिए ELSS है. ऑनलाइन तरीके से या किसी एजेंट के माध्यम से इन्हें खरीदा जा सकता है. वहीं ELSS में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. इस स्कीम में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं होती है लेकिन छूट केवल 1.5 लाख रुपये तक ही हासिल की जा सकती है.

वहीं निवेशक चाहे तो तीन साल के लॉक-इन के बाद पूरा पैसा या आंशिक पैसा निकाल सकता है और बाकी का पैसा जब तक चाहे इस स्कीम में रख सकते हैं. वहीं अगर आप इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं तो तीन साल के लॉक-इन के बीच में इस स्कीम से पैसा नहीं निकाल सकते हैं.

विशेषज्ञों की मानें तो टैक्स बचाने के लिए लिहाज से एफडी सही ऑप्शन नहीं है क्योंकि महंगाई बढ़ती जा रही है और उस लिहाज से इसमें से बेहतर रिटर्न नहीं मिलेगा. वहीं इसमें जो ब्याज मिलता है उस पर टैक्स लगता है.

ELSS एफडी की तुलना में बेहतर रिटर्न देता है. निवेश करके इससे टैक्स बचाया जा सकता है. साथ ही बढ़िया रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है, जो बढ़ती महंगाई के लिहाज से काफी फायदेमंद होगा.

 

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