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एफडी की मैच्योरिटी के बाद पैसा नहीं निकाला तो अब कम मिलेगा ब्याज, जानें आपके निवेश पर क्या होगा असर

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) को निवेश का एक अच्छा विकल्प माना जाता है. इसको लेकर एक अहम बदलाव हुआ है. इसके तहत एफडी की मियाद पूरी होने या उसके मैच्योर होने के बाद भी राशि अकाउंट में रहती है तो आपको कम ब्याज मिलेगा, जो कि बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज के समान होगा. अब तक इस राशि पर एफडी का ही ब्याज मिलता रहा है.

दरअसल, रिजर्व बैंक की तरफ से 2016 में जारी निर्देशों के तहत बैंक अबतक राशि के निकालने के समय तक एफडी की दर से ही ब्याज देते रहे हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. यदि पांच साल के लिए एफडी पर ब्याज दर 5.5 फीसदी जा रही है और बचत खाते पर ब्याज दर 2.7 फीसदी है तो एफडी के मैच्योर होने के बाद राशि जितने समय अकाउंट में रहेगी, उतने समय के लिए बैंक उस पर केवल 2.7 फीसदी की दर से ही ब्याज भुगतान करेगा.

इन बैंको पर लागू होगा नियम

आरबीआई का यह नया नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होगा. गौरतलब है कि फिक्स्ड डिपॉजिट, वह जमा राशि है जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है. इसमें रिकरिंग, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं.

आसान और सुरक्षित निवेश

फिक्स्ड डिपॉजिट को निवेश के आसान और सुरक्षित विकल्पों में से एक माना जाता है. एफडी कराने वाले व्यक्ति को एक निश्चित समय बाद तय रिटर्न मिलता है और इस पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता है.

 

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