टेक्नोलॉजी में बदलाव के साथ-साथ फ्रॉड करने के तरीके भी बदले हैं. पिछले कुछ सालों में बीमा, इनकम टैक्स, क्यूआर कोड बेस्ड पेमेंट, केवाईसी अपडेट और सिम अपग्रेडेशन के नाम पर फ्रॉड के मामलो में काफी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे मामलों में ठग आपका अकाउंट खाली कर सकते हैं. कुछ सावधानियां रखकर इससे बचा जा सकता है.
केवाईसी अपडेट करने के नाम पर ठगी
केवाईसी अपडेट और सिम अपग्रेड के नाम पर ठगी करने वाले आपको कॉल करके केवाईसी अमान्य होने की बात कहता है. वह इसको ऑनलाइन एक्टिव करने का झांसा देता है. फिर आपसे कोई ऐप डाउनलोड करवाकर इसके जरिए कुछ अमाउंट ट्रांसफर करवाता है. आपके ऐसा करने पर पासवर्ड सहित दूसरी डिटेल उसके पास चली जाती हैं. डिटेल मिलने के बाद वह फ्रॉड करता है.
डिस्काउंट के नाम पर ठगी
साइबर फ्रॉड करने वाले कई बार ब्रांडेड ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के फर्जी क्लोन तैयार करके प्रोडक्ट पर भारी डिस्काउंट दिखाते हैं. भारी डिस्काउंट देखकर आप ऑर्डर करके पेमेंट करते हैं. ऐसी स्थिति में आपके ऑर्डर की डिलीवरी नहीं होती है और कुछ समय बाद आपको वह लिंक भी गायब मिलता है.
कॉल सेंटर के जरिए ठगी
ठग फर्जी कॉल सेंटर खोलकर टेक सपोर्ट और एंटी वायरस सपोर्ट जैसी चीजों के नाम पर संपर्क करके पॉप अप भेजते हैं. इसके बाद सिस्टम हैक करके उसको ठीक करने की बात कहकर पैसा वसूलते हैं. कई बार ठग विभिन्न सरकारी एजेंसियों के नाम पर संपर्क करते हैं और लोगों से उनके जुड़ी आपराधिक जानकारी हाथ लगने की बात कहकर संपत्ती जब्त की धमकी देते हैं और इससे बचाने के नाम पर पैसा वसूलते हैं.
बचने के लिए अपनाएं ये उपाय
- यदि आपको किसी भी ई-मेल, लिंक, फोन कॉल या फिर वेबसाइट पर मामूली भी संदेह होता है तो उससे दूर रहें.
- ठग अक्सर फर्जी पॉपअप भेजकर भी फंसाते हैं, इससे सावधान रहें.
- आपको कई बार विभिन्न स्कीम के नाम पर यूपीआई लिंक भेजा जाता है. आपको ऐसे लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए.
- आप यदि क्यूआर कोड को स्कैन करके कोई पेमेंट कर रहे हैं तो पहले यह अच्छे से पता कर लें कि वह सही हो.
- सोशल मीडिया पर कई फ्रेंड रिक्वेस्ट आती हैं. ऐसे में आप जिस शख्स को नहीं जानते हों, उसकी रिक्वेस्ट सोच-समझ कर ही एक्सेप्ट करें.