पुर्वोत्तर राज्य असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसा के बाद मौजूदा हालात पर गृह मंत्रालय की विशेष टीम नज़र बनाए हुए हैं. हालांकि हिंसा के बाद फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. कल हुई हिंसा के दौरान असम पुलिस के पांच जवान शहीद हो गए थे. वहीं, 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
गृह मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक, दोनों राज्यों के आला अधिकारी वर्तमान स्थिति को लेकर वार्ता कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया है कि कल की घटना के बाद स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. दोनों राज्यों की सीमा पर पहुंचे इन अधिकारियों में खुफिया विभाग के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं. संवेदनशील जगहों पर उपयुक्त संख्या में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती हो चुकी है.
दोनों राज्यों ने एक दूसरे पर लगाए आरोप
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीमा पार से उपद्रवियों ने उस समय अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जब दोनों पक्षों के नागरिक अधिकारी मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे थे. वहीं, सीएम जोरमथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगाए जबकि असम की पुलिस ने दावा किया कि मिजोरम से बड़ी संख्या में ‘‘उपद्रवियों’’ ने पथराव किया और असम सरकार के अधिकारियों पर हमला किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने की मुख्यमंत्रियों से बात
सूत्रों ने बताया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के साथ टेलीफोन पर अलग-अलग बातचीत के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनसे अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा. गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि सीमा विवाद को आपसी सहमति से हल करें. दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्री को आश्वासन दिया है कि शांति सुनिश्चित करने और सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
अमित शाह ने पूर्वोत्तर के आठों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में सीमा विवादों को सुलझाने की आवश्यकता को रेखांकित किया था, जिसके दो दिन बाद यह घटना सामने आई है. असम में फिलहाल बीजेपी की सरकार है, जबकि मिजोरम में बीजेपी नीत पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) में शामिल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है.
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