Close

आज दिखेगा साल का दूसरा सुपरमून, जानिए सुपरमून से जुड़ी सभी बातें

चांद से जुड़ी घटनाएं जितना ज्योतिष में महत्व रखती हैं उतना ही वैज्ञानिक आधार भी रखती हैं। ज्योतिष में चांद के अलग-अलग रूप और समय में निकलने को ग्रह दशा, दिशा एवं चाल के तौर पर राशियों से जोड़कर देखा जाता है। जबकि विज्ञान में चंद्रमा के भिन्न-भिन्न रूप अलग-अलग नाम के सुपरमून के तौर पर जाने जाते हैं। यह सुपरमून बहुत खास माने जाते हैं।

इसी कड़ी में अगस्त के महीने में इस साल दो सुपरमून नजर आने वाले हैं। जिनमें से एक को हम सभी 1 अगस्त को देख सकते हैं। 1 अगस्त को फूल मून दिखने वाला है जिसे ज्योतिष दृष्टि से पूर्णिमा का चांद माना जाता है। यह अधिक मास की पूर्णिमा का दिन है। आइये जानते हैं अधिक मास की पूर्णिमा के दिन इस सुपरमून से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में।

कब दिखेगा अगस्त माह का सुपरमून?

० 1 अगस्त, दिन मंगलवार को दक्षिण-पूर्व दिशा से सुपरमून उगेगा।
० यह साल का दूसरा सुपरमून होगा। पहला सुपरमून जून में पड़ा था।
० 1 अगस्त को इस्टर्न समय के अनुसार, यह 2:32 बजे उदय होगा।
० यानी कि भारतीय समय के अनुसार, रात 12 बजकर 2 मिनट पर।
क्यों कहा जाता है इसे स्टर्जन मून?

० अगस्त की पूर्णिमा या सुपरमून को स्टर्जन चंद्रमा कहा जाता है।
० इस दौरान अमेरिका की ग्रेट झीलों में स्टर्जन मछली पाई जाती थी।
० इसी मछली के नाम पर अगस्त माह के सुपरमून को यह नाम मिला।
० तभी से अगस्त का सुपरमून स्टर्जन मून के नाम से जाना जाने लगा।
० कहा जाता है कि हर चांद का नाम उसकी विशिष्टता देखकर रखा गया।

० औपनिवेशिक अमेरिका और यूरोपीय लोगों ने अपने मन से यह नाम रखे।
० वहीं, भारत में पूर्णिमा का चांद ज्योतिषीय महत्व रखता है।
० हर पूर्णिमा तिथि का एक नाम और उससे जुड़ी कथा होती है।
० ठीक ऐसे ही यह अधिक मास की पूर्णिमा कहलाती है।
० अधिक मास की पूर्णिमा भगवान विष्णु को समर्पित होती है।
० साथ ही, पूर्णिमा के दिन चंद्र को अर्घ्य देने का भी विधान है।

scroll to top