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वेंटिलेटर पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, बेटी शर्मिष्ठा ने याद किया 8 अगस्त का वो दिन

नई दिल्ली: ब्रेन क्लॉट सर्जरी के बाद पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. मुखर्जी कोरोना वायरस से भी संक्रमित पाए गए हैं. अस्पताल में उनकी हालत नाजुक बनी हुई है और देशभर में लोग उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए दुआ कर रहे हैं. इस बीच उनकी बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पिता के लिए दुआ करते हुए एक साल पुरानी बात को याद किया है.

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने ट्विवटर पर लिखा, ”पिछले साल आठ अगस्त मेरे लिए सबसे खुशी वाला दिन था क्योंकि इसी दिन मेरे पिता को भारत रत्न सम्मान दिया गया था. ठीक एक साल बाद 10 अगस्त को वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गए. भगवान वो करे जो उनके लिए सबसे अच्छा हो और मुझे मुझे शक्ति दे कि जीवन के दुख और सुख दोनों को समान भाव से स्वीकार कर सकूं. मैं सभी को उनकी चिंताओं के लिए धन्यवाद देती हूं.”

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सोमवार को उनके मस्तिष्क में क्लॉट हटाने की सर्जरी के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. मुखर्जी सोमवार को ही कोरोना वायरस से संक्रमित भी पाए गए हैं. उन्हें सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल (आरआर) अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मुखर्जी की सर्जरी के बाद हालत नाजुक बनी हुई है- अस्पताल

सेना के रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) अस्पताल ने मंगलवार को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत नाजुक बनी हुई है. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है.

अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया, “पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त, 2020 को गंभीर स्थिति में 12 बजकर सात मिनट पर दिल्ली छावनी स्थित सेना के आर एंड आर अस्पताल में भर्ती कराया गया.” इसमें कहा गया, “अस्पताल में की गई चिकित्सीय जांच में सामने आया कि उनके मस्तिष्क में एक बड़ा सा थक्का है. जिसके लिए उनकी आपातकालीन जीवनरक्षक सर्जरी की गई. सर्जरी के बाद भी उनकी हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है.” विभिन्न विशेषज्ञता वाले डॉक्टरों की टीम पूर्व राष्ट्रपति के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रही है.

2019 में उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया

राष्ट्रपति बनने से पहले प्रणब मुखर्जी ने एक दमदार सियासी पारी खेली, इसी कारण से राजनीति के गलियारों में उन्हें बेहद सम्मान दिया जाता है. यूपीए 2 के दौरान वे कांग्रेस पार्टी और सरकार के सबसे बड़े संकटमोचन के रूप में उभरे. प्रणब मुखर्जी के कद अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया. इसके साथ ही साल 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा था.

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