अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान अमेरिका को आंख दिखा रहा है. तालिबान ने सीधे-सीधे अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि 11 सितंबर तक अमेरिका अफगानिस्तान छोड़ दे. तालिबान की ये चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका के करीब दस हजार सैनिक अभी भी अफगानिस्तान में हैं.
एचकेआईए की सुरक्षा बरकरार रहेगी- अमेरिका
काबुल हवाई अड्डे पर भगदड़ और गोलीबारी की घटनाओं के बावजूद, पिछले कुछ दिनों में कम से कम 10 अफगान मारे गए हैं. अमेरिकी सेना के मेजर जनरल हैंक टेलर ने जोर देकर कहा है कि अमेरिकी सेना हामिद करजई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (एचकेआईए) की सुरक्षा बरकरार रखेगी, जो अमेरिकियों और अफगानों की सुरक्षित, व्यवस्थित निकासी को सक्षम बनाता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, जनरल टेलर ने मंगलवार को यह बात कही.
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका तालिबान के संपर्क में है और उन्हें बताया गया कि वे नागरिकों को हवाईअड्डे तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए तैयार हैं. इससे पहले दिन में, पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि जमीन पर अमेरिकी कमांडरों ने हवाई अड्डे के बाहर तालिबान के साथ और विवरण दिए बिना चर्चा की थी.
अराजक निकासी को लेकर जनता और सांसदों की बढ़ती आलोचनाओं का सामना कर रहे राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को कहा कि वह अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस लेने के अपने फैसले पर कायम हैं. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने रविवार को देश छोड़ दिया और तालिबान बलों ने काबुल की राजधानी में प्रवेश किया और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया.
कहां हैं अशरफ गनी?
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ने के बाद अब यूएई की राजधानी अबु धाबी में शरण ली है. पहले उनके तजाकिस्तान से ओमान जाने की बात हो रही थी. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, अब वो अबु धाबी में ही रहेंगे. रूसी की सरकारी मीडिया के मुताबिक अफगानिस्तान से भागते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी, लेकिन जगह की कमी के कारण नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़ गये. रूस की आधिकारिक मीडिया ने सोमवार को एक खबर में यह दावा किया था.
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