गणेश चतुर्थी का पर्व आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. सौभ्य और समृद्धि के दाता गणेश जी को गणेश चतुर्थी के दिन घर पर पूरे भक्तिभाव से लाया जाता है और स्थापित किया जाता है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन घर पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना सुख शांति और आने वाले संकटों को दूर करती है.
पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त में ही गणेश जी की मूर्ति की स्थापना घर पर करनी चाहिए. ऐसा करने से पूर्ण लाभ प्राप्त होता है. 22 अगस्त को गणेश जी की मूर्ति की स्थापित करने का समय पंचांग के अनुसार बहुत ही सूक्ष्म है. इस शुभ समय अवधि में ही मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए.
गणेश जी की मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार चतुर्थी की तिथि 21 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 2 मिनट से आरंभ होगी. 22 अगस्त को शाम 7 बजकर 57 मिनट तक चतुर्थी की तिथि रहेगी. गणेश चतुर्थी पर गणेश चतुर्थी की पूजा दोपहर के मुहू्र्त में ही पूजा की जाती है क्योंकि गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था. गणेश जी की पूजा का समय 22 अगस्त को दोपहर में 02 घंटे 36 मिनट का है. 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी के दिन प्रात: 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट के मध्य गणेश जी की पूजा कर सकते हैं. पंचांग के अनुसार 22 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 22 बजे से शाम 4 बजकर 48 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया है.
पूर्व दिशा में रखे भगवान गणेश जी मुख
गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश जी की मूर्ति का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए. भगवान गणेश जी को जब घर पर लाएं तो स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. जब तक घर पर गणेश जी घर पर रहें तब तक घर पर रहे शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. इस दिन जरुरतमंदों को दान भी करें. गणेश जी का विसर्जन पूरे भक्तिभाव से करना चाहिए. भगवान गणेश को धूप, दीप, वस्त्र, फूल, फल, मोदक अर्पित करें और नित्य भगवान गणेश की आरती करें. घर का वातावरण दूषित नहीं होना चाहिए. मन में शुद्ध विचार रखकर भगवान की स्तुति करनी चाहिए.