मोदी कैबिनेट ने गन्ने के उचित और लाभकारी (एफआरपी) मूल्य को पांच रुपये बढ़ाकर वर्ष 2021-22 के लिए 290 रुपए प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति की बैठक के बाद खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी.
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस फैसले से किसान गन्ना उत्पादकों को गन्ने की गारंटीयुक्त कीमत प्राप्त होगी और किसान गन्ने की खेती के लिए प्रोत्साहित होंगे.
उन्होंने कहा, ”इससे चीनी कारखानों का प्रचलन सुप्रभावी तरीके से जारी रहेगा और यह भी सुनिश्चित होगा कि देश में चीनी का उत्पादन न सिर्फ मांग बल्कि निर्यात की पूर्ति के लिए भी उपलब्ध रहेगा. इस फैसले से देशभर में लगभग 5 करोड़ गन्ना किसान लाभान्वित होंगे.”
चालू विपणन वर्ष 2020-21 के लिए उचित और लाभकारी मूल्य 285 रुपये प्रति क्विंटल है. हर साल गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार एफआरपी की घोषणा करती है. मिलों को यह न्यूनतम मूल्य गन्ना उत्पादकों को देना होता है. हालांकि, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई राज्य अपनी गन्ना दरों (राज्य परामर्श मूल्य या एसएपी) की घोषणा करते हैं. यह एफआरपी के ऊपर होता है.
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