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मोदी कैबिनेट के विस्तार की हलचल तेज, जून के आखिर तक होने की संभावना

लोक जनशक्ति पार्टी की लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच गई है. चिराग पासवान और पशुपति पारस अपने-अपने तरीके से पार्टी पर अपना अधिकार जता रहे हैं. इस बीच पशुपति पारस पटना से दिल्ली पहुंचे और अपने आवास पर अपने गुट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. दिल्ली पहुंचने पर एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि चिराग पासवान अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं है. इसलिए उन्हें बैठक बुलाने का अधिकार ही नहीं. सूत्रों की मानें तो एलजेपी की अंदरूनी लड़ाई को आगामी केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है. फिलहाल मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना पर पशुपति का कहना है कि ये पीएम का विशेषाधिकार है.

दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने दूसरे कार्यकाल के पहला मंत्रिमंडल विस्तार करना है. जिसको लेकर एक सप्ताह पहले ही एक के बाद एक कई बैठकें पीएम आवास पर आयोजित की गई. जिसमें पीएम ने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की थी.  सूत्रों की मानें तो बिहार की दोनों पार्टियां जेडीयू और एलजेपी को अगले मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. माना जा रहा है मंत्रिमंडल में जगह पाने के लिए ही पशुपति और चिराग पासवान के बीच दूरियां बढ़ी और नौबत पार्टी में बंटवारे तक पहुंच गई. यही नहीं बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच तल्खियां बढ़ी उसे भी इस घटनाक्रम के लिए एक कारण माना जा रहा है.

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बढ़ी हलचल 

एलजेपी की अंदरूनी लड़ाई के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की हलचल तेज हो गई है. सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार 2 के पहले मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियां पूरी कर ली गई है. कभी भी विस्तार किया जा सकता है. सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पहला विस्तार व्यापक होने के आसार है. मौजूदा मंत्रिमंडल के कई लोगों को संगठन में भेजा जा सकता है. जबकि कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. क्षेत्रीय दलों को भी मंत्रिमंडल में एडजस्ट करने की तैयारी है. इस महीने के अंत में कभी भी हो सकता है विस्तार.

 

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