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पॉवर कंपनी में ‘‘विपश्यना के विविध आयाम ‘‘ विषय पर कार्यशाला संपन्न

० उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रमुख सचिव ने कहा विपश्यना ध्यान का वैज्ञानिक तरीका

रायपुर।छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी अपने अधिकारी-कर्मचारियों में दक्षता सुधार के लिए मानसिक रूप से मजबूत बनाने पर जोर दे रही है। इस कड़ी में केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान में विपश्यना के विविध आयाम विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। समापन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश पूर्व प्रमुख सचिव एवं विपश्यना के सहायक आचार्य श्री सत्यजीत ठाकुर (सेवानिवृत्त आई.ए.एस ) ने विपश्यना को ध्यान की एक सफलतम तकनीक बताया। उन्होंने कहा कि विपश्यना साधना पूर्णतः वैज्ञानिक विधि है जिसके सतत अभ्यास से मन निर्मल होता है एवं साधक को आंतरिक सुख एवं शान्ति प्राप्त होती है एवं दुख, बेचैनी से मुक्ति प्राप्त करता है। उन्होंने आगे बताया कि विपश्यना के विविध आयाम के कारण भारत के प्राचीन विद्या विपश्यना-साधना की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है । विश्व के सभी देशों में इस विद्या के केन्द्र हैं एवं कुल 250 से अधिक केन्द्र विश्व में संचालित है। इस विद्या को सिखने के लिये दस दिवसीय शिविर में साधना करनी होती है।

विपश्यना ध्यान से होने वाले लाभों का उल्लेख करते हुए श्री सत्यजीत ने बताया कि इससे व्यक्ति में सजगता में वृद्धि , निर्णय लेने की क्षमता में सुधार, स्मरण शक्ति में वृद्धि , सुख शान्ति का अनुभव, मन का वश में होना , संकल्प शक्ति में वृद्धि, किसी चीज को समझने की शक्ति में वृद्धि, अनुशासित होना , स्वास्थ्य में सुधार समेत कई अन्य लाभ भी होते हैं।

इस अवसर पर मुख्य अभियंता (प्रशिक्षण) एवं विपश्यना के आचार्य श्री सीताराम साहू ने प्रतिभागियों को दक्षता सुधार में उपयोगी सहज स्वाभाविक श्वांस के आधार पर आनापान ध्यान का अभ्यास करवाया । श्री साहू ने बताया कि दस दिवसीय विपश्यना शिविर आवासीय होता है उसकी समय सारणी प्रकृति के अनुकुल है और समय प्रबंधन का आदर्श उदाहरण है। प्रशिक्षण में पॉवर कंपनी के विभिन्न कार्यालयों के 50 अधिकारी- कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

 

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