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अमेरिका में कोरोना का रोना बरकरार

विधाता वाम हो जाये तो क्या कमजोर और क्या महाबली ,सबको दिन में तारे नजर आने लगते हैं. विश्वव्यापी कोरोना महामारी को लेकर जो स्थिति दुनिया के तमाम देशों की है ठीक वैसी ही स्थिति महाबली अमेरिका की भी है.अमेरिका इस समय अफगानिस्तान के तालिबान और कोरोना से एक साथ लोहा ले रहा है. अमेरिका में 61 फीसदी आबादी के टीकाकरण के बावजूद कोरोना विदा लेने का नाम नहीं ले रहा है.

भारत में जैसे कोरोना ने केरल को अपना ठिकाना बना लिया है ठीक वैसे ही अमेरिका में दक्षिण और उत्तर पश्चिम के राज्य अलबामा,फ्लोरिडा और ल्युसिना की दशा बेहद खराब है. शुरू में भी मिसिपी ,ओरेगन, और वाशिंगटन में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज मिले थे. जनवरी से अब तक अमेरिका में कोई एक लाख कोरोना मरीज अस्पतालों की शरण में जा चुके हैं.स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग की मानें तो देश के गहन चिकित्सा इकाई का 31 फीसदी कोरोना के मरीजों ने घेर रखा है.

ताजा आंकड़ों के मुताबिक़ कोरोना का कहर इन दिनों भारत और अमेरिका में ही सबसे ज्यादा है. भारत में जहाँ नए कोरोना मरीजों की संख्या 44523 है वही अमेरिका में ये संख्या 25704 है. भारत ने कोरोना से अब तक जहाँ 649867 लोगों को खोया है वहीं भारत ने भी अपने 436889 नागरिकों की जान गंवाई है .कोरोना से मौतों के मामले में ब्राजील भारत से आगे है. ब्राजील में कोरोना से 576730 लोग मारे जा चुके हैं.

अमेरिका में कोरोना की दस्तक इस बार बड़ों के मुकाबले बच्चों में ज्यादा है,बावजूद इसके अमेरिका में स्कूलों को खोल दिया गया है.पिछले दिनों अटलांटा के एक स्कूल में ही एक साथ सौ बच्चे कोरोना के शिकार हुए तो स्कूल को बंद करना पड़ा .यहाँ अभी प्रायमरी कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति नगण्य है लेकिन मिडिल और उसके ऊपर की कक्षाओं में बच्चे स्कूल जा रहे हैं .अमेरिका में सबसे बड़ी समस्या ये है कि मास्क के इस्तेमाल को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता नहीं है.

अमेरिका में कोरोना को लेकर वैसा आतंक नहीं है जैसा कि भारत में है. फर्क सिर्फ इतना है कि अमेरिका में कोरोना के लिए भीड़ का इंतजाम नेताओं की रैलियां नहीं करतीं अधिकाँश अमरीकी नागरिक कोरोना की मौजूदगी के बावजूद सामान्य जीवन जी रहे हैं. माल,सिनेमाघरों,पिकनिक स्थलों ,स्विमिंग पूल्स में उपस्थिति सामान्य सी ही है .यहाँ मास्क लगाने वाले और न लगाने वाले लगभग बराबर हैं .जो जागरूक हैं वे मास्क लगते हैं और जो जबरन निर्भीक हैं वे मास्क नहीं लगते. कोरोना के टीकों के दोनों डोज ले चुके अधिकाँश अमरीकी मास्क को विदा कर चुके हैं ,लेकिन बहुत से ऐसे भी हैं जो टीकाकरण के बावजूद मास्क लगाने में संकोच नहीं करते.

अमेरिका में मेरे पड़ौस में एक अमरीकी रहता है लेकिन उसने कोरोना के टीके का एक भी डोज नहीं लिया,जबकि उसके दो छोटे-छोटे बच्चे भी हैं. उसका तर्क है कि -खान-पान के जरिये उसने अपनी इम्युनिटी को मजबूत बनाकर रखा हुआ है .हमारे एक और भारतीय पड़ौसी ने भी अपनी चार साल की बच्ची को स्कूल भेजना शुरू कर दिया है जबकि दूसरे पड़ौसी ने ऐसा नहीं किया और अपने बच्चे को स्कूल भेजना स्थगित कर दिया .यहां मजे का एक तथ्य ये भी है कि गोरों के मुकाबले कालों में कोरोना ज्यादा तेजी से फ़ैल रहा है.

कोरोना के प्रसार में दुनिया कि युवा आबादी ज्यादा भूमिका निभा रही है. अमेरिका में भी कोरोना युवाओं के जरिये ज्यादा फैलता है ,क्योंकि ये वो वर्ग है जो मास्क आदि के इस्तेमाल में लापरवाही बरत रहा है.लास ऐंजिल्स के एक स्कूल में ढाई हजार से ज्यादा कोरोना पीड़ित निकल आये.लुसाद के एक स्कूल में 3600 छात्र और शिक्षक कोरोना से पीड़ित मिले हैं. कोरोना से निबटने के लिए अमेरिका के अलग -अलग राज्यों में अलग अलग नीति है. कई राज्यों में मास्क अनिवार्य है, लेकिन बहुत से राज्यों ने मास्क के इस्तेमाल को स्व-विवेक पर छोड़ा हुआ है.

अमेरिका में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते में ही देश में कोरोना के प्रसार में 23 फीसदी की बृद्धि हुई है.इस हफ्ते तक देश में 5665 नए मामले पकड़ में आये.अमेरिका में कोरोना कि जांच और इलाज की भरपूर व्यवस्था है.अभी तक अमेरिका में 573,911,810 जांचें कराई जा चुकी हैं ,जबकि भारत में ये संख्या 513,129,378 ही है. अमेरिका में आबादी भारत के मुकाबले बहुत कम है ,अमेरिका में प्रति एक मिलियन आबादी पर अभी भी कोई 1950 कोरोना केस हैं जबकि भारत में ये संख्या मात्र 313 बताई गयी है.

अमेरिकी सरकार के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फॉसी ने कहा है कि यहां अगले साल बसंत से पहले कोरोना वायरस महामारी के हालात सामान्य होने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी स्थिति कैसी होगी यह इस बात पर निर्भर करेगा है कि कितने लोगों का टीकाकरण हो गया है। एक आंकड़े के अनुसार अमेरिका में अगस्त में रोजाना चार लाख लोगों को टीके लगाए गए।

यहां 17 करोड़ 11 लाख लोगों को कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं।

डेल्टा वेरिएंट अमेरिका में कोविड की नए पीक के लिए जिम्मेदार है. अमेरिका में रोजाना कोविड के एक लाख से ऊपर मामले देखे जा रहे हैं. द न्यूयॉर्क टाइम्स के कोविड ट्रैकर के मुताबिक, 24 अगस्त को देश में एवरेज डेढ़ लाख के करीब नए केस सामने आए, और हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. अमेरिका के जिस शहर फीनिक्स में मै बीते सात माह से हूँ वहां कोरोना को लेकर लोग सतर्क हैं लेकिन आतंकित नहीं. स्थानीय लोग केवल उन्हीं लोगों के साथ मेलजोल रखते हैं जो वैक्सीन लगवा चुके हैं. यहाँ अभी भी आधे से ज्यादा काम आन लाइन हो रहा है. पिछले सात माह में मैंने भी यहां लगभग एक दर्जन सामूहिक सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया ,लेकिन कहीं कोई घबड़ाहट नहीं देखी .लगता है जैसे अमरीकियों ने कोरोना के साथ जीना सीख लिया है. @राकेश अचल

 

 

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