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पूर्वी लद्दाख में कड़ाके की ठंड से चीनी सैनिकों के छूट रहे पसीने, अग्रिम चौकियों से रोजाना बदल रहे जवान

पूर्वी लद्दाख में कड़ाके की ठंड के चलते चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की हालत अभी से खराब होने लगी है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वे और कब तक भारतीय जवानों के सामने इस ठंड में टिक पाएंगे. ठंड के मौसम में अनुभवहीन चीनी सेना रोजाना अग्रिम चौकियों पर अपने जवानों को बदल रहे हैं, जबकि भारतीय सैनिक उसी लोकेशन में लंबे समय से तैनात हैं.

सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया, हमारे सैनिक चीनी जवानों के मुकाबले लंबे समय तक वास्तविक नियंत्रण रेखा की अग्रिम चौकियों पर तैनात हैं. कड़ाके की ठंड और इस मौसम के अनुभवहीन चीनी सैनिकों के चलते चीन की तरफ से रोजाना सैनिकों को वहां से बदला जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि चीन के मुकाबले भारतीय सेना के जवानों को ऐसे मौसम से मुकाबला करने में बढ़त हासिल है क्योंकि उनमें से कई पहले ही पूर्वी लद्दाख और सियाचीन जैसी अन्य चोटियों पर  ड्यूटी कर चुके हैं.

सूत्रों ने बताया कि चीन की तरफ से सामरिक ऊंचाई वाली जगहों पर भारतीय जवानों के मुकाबले तैनात किए गए सैनिकों पर ठंड का असर देखा जा सकता है. एक तरफ जहां भारतीय जवान वहां पर ठहरे हुए हैं तो वहीं चीनी सेना रोजाना नए जवानों की तैनाती कर पहले से तैनात सैनिकों को बदल रही है.

गौरतलब है कि मई से भी भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में विवाद शुरू हुआ है. चीन की तरफ से भारी हथियार और टैंक के साथ करीब 60 हजार सैनिकों को पूर्वी लद्दाख में भारतीय सीमा से लगते एलएसी पर तैनात कर दिया गया.

इसके बाद भारतीय सेना ने भी चीन की इस चाल को भांपते हुए करीब इतनी ही संख्या में वहां पर अपने जवानों को तैनात कर दिया. दोनों पक्षों के बीच 15 जून को गलवान में भारी हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए जबकि करीब 40 चीनी सैनिक हताहत हुए थे. भारत चाहता है कि पहले चीन दक्षिणी पैंगोंग त्सो के पास फिंगर इलाकों अपने सैनिकों की वापसी करे.

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