केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नए आयकर नियमों को अधिसूचित कर दिया है, जिसके मुताबिक भविष्य निधि खातों को दो अलग-अलग अकाउंट में बांटा जाएगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT ने इस बारे में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. साथ ही सरकार अब सालाना ढ़ाई लाख रुपए से ज्यादा जमा पर टैक्स लगाएगी.
नोटिफिकेशन के मुताबिक, भविष्य निधि खातों पर मिलने वाले ब्याज की गणना के लिए एक अलग अकाउंट खुलेगा. सभी मौजूदा कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों को कर योग्य और गैर-कर योग्य योगदान खातों में बांटा जाएगा.
नोटिफिकेशन में क्या कहा गया है?
- 31 मार्च 2021 तक किसी भी योगदान पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
- वित्त वर्ष 2020-21 के बाद पीएफ खातों पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा.
- टैक्स की गणना अलग से और अलग उकाउंट खुलने के बाद की जाएगी.
- वित्त वर्ष 2021-22 और उसके बाद के सालों में भविष्य निधि खाते के अंदर ही दो अलग-अलग खाते होंगे.
ढ़ाई लाख रुपए से ज्यादा जमा पर लगेगा टैक्स
इनकम टैक्स (25वां संशोधन) नियम, 2021 के मुताबिक, नए नियम 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे, लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 तक अगर खाताधारक के खाते में हर साल ढ़ाई लाख रुपए से ज्यादा जमा होते हैं तो उसपर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा. और इस ब्याज की जानकारी खाताधाकर को अगले साल के इनकम टैक्स रिटर्न में देनी पड़ेगी.
एक सरकारी अनुमान के मुताबिक, देश में लगभग एक लाख 23 हजार उच्च आय वाले कर्मचारी अपने भविष्य निधि खातों से औसतन टैक्स मुक्त ब्याज में सालाना 50 लाख रुपए से ज्यादा कमा रहे हैं. यही वजह है कि सरकार उनपर टैक्स लगाने के लिए नए नियम लागू कर रही है.
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