रायपुर। देश में छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य होगा, जहां भगवान राम की 9 ऊंची-ऊंची प्रतिमाएं होंगी। इसकी शुरुआत चंदखुरी से हो चुकी है। यहां 51 फीट ऊंची राम की प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है। अब राम वन गमन पथ पर तय किए गए बाकी 8 स्थानों पर भी भगवान राम की 25 फीट ऊंची मूर्ति लगाई जाएगी। इन मूर्तियों को 16 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित किया जाएगा। इस तरह कुल मिलाकर एक मूर्ति की ऊंचाई 41 फीट हो जाएगी। अगले डेढ़ महीने पर राजिम, शिवरीनारायण और सरगुजा जिले के रामगढ़ में ये मूर्तियां स्थापित हो जाएंगी। बाकी 5 जगहों पर भी जून 2023 तक मूर्तियों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। राम वन गमन पथ की नोडल ऑफिसर डॉ. अनुराधा दुबे का कहना है कि पहले सभी मूर्तियां छत्तीसगढ़ में मिलने वाले बिलहा स्टोन से तैयार होनी थी। समय कम होने के कारण एक मूर्ति ग्वालियर में सैंड स्टोन से भी बनवाई जा रही है। इस मूर्ति को शिवरीनारायण में स्थापित किया जाएगा।
इसके अलावा राजिम में बिलहा स्टाेन से दो मूर्तियां बन रही है। इसमें से एक राजिम में ही स्थापित होगी और दूसरी रामगढ़ में। ये तीनों मूर्तियां एक-डेढ़ महीने में बनकर तैयार हो जाएंगी। इन मूर्तियों को उड़ीसा और मध्यप्रदेश के कलाकार मिलकर बना रहे हैं।
स्थल भी किए जा रहे विकसित
जहां-जहां राम भगवान की प्रतिमाएं स्थापित होंगी, उन स्थलों का विकास भी किया जा रहा है। इसके अलावा 2260 किमी में राम वन गमन पथ पर भी तेजी से कार्य चल रहा है। पथ के दोनों तरफ प्लांटेशन के अलावा लाइट लगाई जाएंगी। बीच में गार्डन और बैठने की व्यवस्था भी होगी। चंदखुरी और शिवरीनारायण में विकास कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। दोनों ही जगहों पर भव्य द्वार बनाए जा रहा हैं।
16 फीट ऊंचा प्लेटफार्म
20 स्कल्पचर आर्टिस्ट मिलकर बना रहे एक मूर्ति
75-80 लाख रुपए में तैयार हो रही है प्रतिमा
139 करोड़ रुपए से तैयार हो राम वनगमन पथ
2019 में शुरू हुआ था राम वनगमन पथ का काम
2260 किमी में विकसित हो रहा राम वनमन पथ
इन 8 जगहों पर प्रतिमाएं
सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), रामगढ़ (सरगुजा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा)
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