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प्रसूति और स्त्री रोग पर दिवसीय सम्मेलन सम्पन्न

रायपुर। राजधानी में प्रसूति और स्त्री रोग पर दिवसीय सम्मेलन रविवार को संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में मुख्यतः महिलाओं की प्रसूति के समय होने वाली जटिलताओं पर चर्चा की गई । जच्चा के गर्भ में गर्भजल(एमनीयोटिक फ्लूड) की मात्रा एवं गर्भस्थ शिशु के गले के चारों तरफ लिपटी और कसी हुई गर्भनाल की जटिलताओं पर भी बात हुई।म्यूकोनियम और फोरसेप्स (चिमटा) के माध्यम से होने वाले प्रसव के समस्याओं पर सघनविचार-विमर्श किया गया। परिचर्चा में डॉ.अनुराधा टीबरेवाल, डॉ.सुषमा वर्मा, डॉ. रेखा रत्नानी एवं डॉ. वेरोनिका युएल ने अपने विचार व्यक्त किए।परिचर्चा के चेयरपर्सन डॉ. रजनी साव, डॉ. नम्रता सिरमौर और डॉ.नेहा मोडघरे थे।

डॉ.प्रीति अग्रवाल ने आलेख प्रस्तुत किया

इस अवसर पर स्नातकोत्तर मेडिकल छात्रों द्वारा प्रस्तुत पोस्टर एवं पेपर प्रस्तुतीकरण प्रतियोगिता में पुरस्कृत छात्रों को‘‘डॉ. शोभा शर्मा स्मृति‘‘ स्वर्ण एवं रजत पदक (मेडल)भी दिए गए। सम्मेलन में डॉ.अविनाशी कुजूर ने एक प्रस्तुति में बताया कि यदि पहली बार सिजेरियन ऑपरेशन द्वारा पहली डिलेवरी हुई है, तो दूसरी डिलेवरी के नार्मल होने की संभावना तलाशनी होगी। डॉ.प्रीति अग्रवाल ने सिजेरियन मायोमेक्टामी पर अपने आलेख प्रस्तुत किया ।

सम्मेलन में गर्भकाल का समय पूरा होने के बावजूद भी प्रसव की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं पर भी चर्चा की गई । ऐसे समय इंडक्शन ऑफलेबर(प्रसव प्रक्रिया) का प्रारंभ करने के उपायों पर रायपुर की पूर्व डीन डॉ.आभा सिंह ने महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। डॉ.सुकांता मिश्रा ने प्रसूता और गर्भस्थ शिशु की निरंतर ग्राफिक की जानकारी के लिए उपलब्ध एक नई तकनीक ‘‘पार्टोग्राफ‘‘ पर ज्ञानवर्धक आलेख पढ़ा।

डॉ. तबस्सुम दल्ला ने उदबोधन दिया

डॉ. वर्षा बसते ने समय के पहले प्रसव प्रक्रिया के शुरु हो जाने के पूर्वानुमान के बारे में रोचक चर्चा की। डॉ.मोनिका पाठक द्वारा जचकी प्रक्रिया के पहले ही गर्भजल की थैली के टूट जाने या खुल जाने की स्थिति का निदान करने पर रोचक प्रस्तुतीकरण दिया। डॉ ज्योति बंगलोवाला ने रक्त की कमी(एनीमिया), डॉ क्वीन आदित्य ने प्रसवकाल में अस्थमा और डॉ. मनोज चेलानी नेप्रसूता के डायबिटीज के प्रबंधन पर अपने उदबोधन दिए। वर्ष 2022 का प्रतिष्ठित‘‘डॉ.आभा सिंह ओरेशन‘‘(विशेष व्याख्यान) प्रस्तुत करने का सम्मान डॉ.तबस्सुम दल्ला को प्राप्त हुआ। डॉ. तबस्सुम दल्ला ने ‘‘गर्भवती महिला की देखभाल एवं काउंसलिंग ‘‘पर विशेष उदबोधन (ओरेशन) दिया।

अल्ट्रा सोनोग्राफी के माध्यम से गर्भस्थ शिशु के हृदय गति के निरंतर मॉनिटरिंग तथा प्रसव प्रक्रिया में होने वाले दर्द के मैनेजमेन्ट के उपायों पर विस्तृत चर्चा हुई।कभी-कभी जचकी(डिलीवरी) के बाद होने वाले अनियंत्रित ब्लीडिंग (रक्त स्त्राव) की गंभीर समस्या पर समूह चर्चा(पैनल डिस्कशन) हुआ। इस चर्चा में डॉ.कीर्ति कौरा, डॉ.इंदु शर्मा, डॉ.प्रगति, डॉ.रश्मि शर्मा, डॉ.बिरथरे, डा. सुमी अग्रवाल और डॉ.सुषमा रवि ने भाग लिया। इस अवसर पर एक क्विज प्रतियोगिता भी हुई ।

महिलाओं पर बढ़ती हिंसा बंद हो

सम्मेलन के खुले मंच(ओपन हाउस) के अंतर्गत‘‘महिलाओं पर बढ़ती हिंसा बंद हो‘‘पर विशेष परिचर्चा हुई।इस आमसभा में चिकित्सकों के साथ-साथ शहर के वकील फैज़ल रिज़वी और वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे ने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में अलविदा और धन्यवाद प्रस्ताव के बाद,प्रसूति एवं स्त्री रोग रायपुर के 18वें सम्मेलन का समापन हुआ।

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