Close

भाद्रपद अमावस्या आज : स्नान-दान और तर्पण से पितर होंगे प्रसन्न

भाद्रपद अमावस्या आज 14 सितंबर दिन गुरुवार को है. साध्य योग में भाद्रपद अमावस्या मनाई जा रही है. ब्रह्म मुहूर्त से भाद्रपद अमावस्या का स्नान और दान प्रारंभ हो गया है. भाद्रपद की अमावस्या तिथि प्रात: 04:48 बजे से शुरू हुई है. आज के दिन पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. आप सुबह 11:30 बजे से पितरों के लिए श्राद्ध कर्म कर सकते हैं, दोपहर 02:30 बजे तक श्राद्ध, पिंडदान आदि कर लेना चाहिए. स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण सुबह में ही कर सकते हैं. तर्पण करने से पितर तृप्त होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितर लोक में जल की कमी होती है, इस वजह से पितरों को तर्पण देकर तृप्त करते हैं.

भाद्रपद अमावस्या 2023 मुहूर्त
भाद्रपद अमावस्या तिथि का शुभारंभ: आज, प्रात: 04 बजकर 48 मिनट से
भाद्रपद अमावस्या तिथि का समापन: कल, सुबह 07 बजकर 09 मिनट पर
भाद्रपद अमावस्या स्नान-दान मुहूर्त: सुबह 06:05 बजे से सुबह 07:38 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: आज प्रात: 04:32 बजे से प्रात: 05:19 बजे तक
साध्य योग: आज, प्रात:काल से लेकर कल 04:54 ए एम तक

भाद्रपद अमावस्या पर कैसे करें स्नान, दान और तर्पण?
आज प्रात: भाद्रपद अमावस्या का स्नान आप पवित्र नदी में करें. यदि नदी स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर पर ही स्नान कर लें. उसके बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें.​ फिर जल में काला तिल डालकर पितरों को तर्पण दें. तर्पण के समय अंगुली में पवित्री धारण करें. कुश के आसान पर बैठकर तर्पण देना चाहिए.

स्नान और तर्पण के बाद आप पितरों को संतुष्ट करने के लिए दान दें. पितरों को प्रसन्न करने के लिए कपड़े, अन्न, कंबल, सोना आदि का दान करें. यदि आपके पास क्षमता है तो आप भूमि, गाय का भी दान कर सकते हैं.

भाद्रपद अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
1. आज भाद्रपद अमावस्या पर पितरों को खुश करने के लिए उनके देवता अर्यमा की पूजा करें. उस दौरान पितृ स्तोत्र का पाठ करना अच्छा रहेगा. इससे आपको पितृ देवता अर्यमा का आशीर्वाद मिलेगा और नाराज पितर भी प्रसन्न हो जाएंगे. पितृ दोष मुक्ति के लिए यह उपाय कर सकते हैं.

2. भाद्रपद अमावस्या पर आप पितृ दोष से मुक्ति के लिए नीचे दिए गए मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जाप कर सकते हैं. इससे मंत्र जाप से पहले पितरों की पूजा कर लें. उसके बाद भगवान का ध्यान करके इस मंत्र का जाप करें.
1. ओम प्रथम पितृ नारायणाय नमः
2. ओम श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
3. ओम नमो भगवते वासुदेवाय

3. पितरों को खुश करने के लिए भाद्रपद अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करें. पितरों के लिए दीपक जलाएं. दोपहर में ब्राह्मणों को भोजन कराएं. इससे भी पितर खुश होकर आपको आशीर्वाद देंगे.

scroll to top