नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि सीमा विवाद एक गंभीर मुद्दा है. दोनों देश शांति पर सहमत हैं. शांतिपूर्ण बातचीत से ही हल निकलेगा. राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने कई बार स्टेटस बदलने का प्रयास किया, हमारे जवानों ने इसे असफल कर दिया. गलवान घाटी में हुए संघर्ष में चीन को काफी नुकसान हुआ है.
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे सुरक्षाबल हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. हम उनके साथ मजबूती से खड़े हैं. उन्होंने कहा कि 15 जून को हमारे जवानों ने स्टेटस बदलने के प्रयास को असफल कर दिया. जवानों ने बदलिदान दिया है. चीन को भी भारी नुकसान हुआ. चीन की ये कोशिश हमें मंजूर नहीं है. दोनों देशों को LAC का सम्मान करना चाहिए.
राजनाथ सिंह ने बताया, ”चीन ने एलएसी और आंतरिक क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सेना की तैनाती की है और हथियार इकट्ठा किए हैं. पूर्वी लद्दाख, गोगरा, कोंगका ला, पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण बैंकों में कई फ्रिक्शन प्वाइंट हैं. भारतीय सेना ने भी इन क्षेत्रों में भारी तैनाती की है.” सिंह ने कहा कि हमारे जवानों का हौसला बुलंद है, इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए.
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का दौरा कर हमारे जवानों से मुलाकात की. उन्होंने यह संदेश भी दिया था वह हमारे वीर जवानों के साथ खड़े हैं. मैंने भी लद्दाख जाकर अपने यूनिट के साथ समय बिताया था. जवानों का हौसला बढ़ाया.
राजनाथ सिंह ने कहा, ”यह सदन अवगत है चाईना, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है. इसके अलावा, 1963 में एक तथाकथित बाउंडरी एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने PoK की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चाईना को सौंप दी है.”
उन्होंने कहा कि यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड LAC नहीं है और LAC को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है.
विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा कराये जाने की मांग के बीच राजनाथ सिंह का यह बयान काफी महत्व रखता है. राजनाथ की हाल में मास्को में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ मुलाकात हुई थी. कुछ दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर की भी चीन के उनके समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात हुई थी.