Close

CGST ने 68 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी,7 फर्मों पर मामला दर्ज

केंद्रीय माल एवं सेवा कर (CGST) की टीम ने रायपुर में 68.04 करोड़ रुपए की कर चोरी का खुलासा किया है। इस मामले में सात फर्मों के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि ये फर्म माल की वास्तविक आपूर्ति किए बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रहे थे। जिन फर्मोंं पर मामला दर्ज हुआ है उनमें बिजोटिक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डन ट्रेडर्स, एआरएल ट्रेडिंग कंपनी, देवी ट्रेडिंग कंपनी, बद्री इंटरप्राइजेज, कुमार ट्रेडर्स और सिंह ब्रदर्स का नाम शामिल है।

सेंट्रल जीएसटी ने 350 करोड़ की फर्जी बिलिंग करने वाले रायपुर के 7 स्टील और आयरन कारोबारियों के खिलाफ गुरूवार को धोखाधड़ी और जालसाजी का जुर्म दर्ज किया है। कारोबारी बिना स्टील और आयरन की खरीदी किए फर्जी आईटीसी बिल तैयार कर रहे थे।

यह खेल पिछले तीन वर्ष से चल रहा था। विभागीय पोर्टल की जांच करने पर पता चला कि अब तक 68.04 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की जा चुकी है। फर्म के संचालक बिना किसी सामान की खरीदी किए बिल बनाने के साथ ही इसे बेच रहे थे। इसका खुलासा होने के बाद सेंट्रल जीएसटी की टीम ने फर्म के संचालकों के सिलतरा, शंकर नगर और विधानसभा मार्ग स्थित ठिकानों पर दबिश दी। लेकिन, वह टीम के पहुंचने के पहले ही फरार हो गए। इन सभी को सप्ताहभर सेंट्रल जीएसटी के दफ्तर में उपस्थिति दर्ज कराने नोटिस जारी किया गया है।

इन फर्मों में बगैर माल बेचे चोरी की घटना को अंजाम दिया

सेंट्रल जीएसटी से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर में आयरन और स्टील की ट्रेडिंग करने वाले बिजोटिक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, गोल्डन ट्रेडर्स, एआरएल ट्रेडिंग कंपनी, देवी ट्रेडिंग कंपनी, बद्री इंटरप्राइजेस, कुमार ट्रेडर्स तथा सिंह ब्रदर्स नाम से फर्म का संचालन किया जाता था। इन फर्मों में बगैर माल बेचे छत्तीसगढ़ सहित पड़ोसी राज्य ओडिशा और मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर फेक बिल काटकर टैक्स चोरी की घटना को अंजाम दिया जा रहा था। बताया जाता है कि फर्म के संचालकों को चिन्हांकित कर लिया गया है। साथ ही उनके सहयोगियों के भूमिका की जांच की जा रही है। उनके खिलाफ पुख्ता साक्ष्य भी एकत्रित कर लिया गया है।

छत्तीसगढ़ में पहले भी पकड़े गए

अधिकारियों का कहना है कि छत्तीसगढ़ सहित कई प्रदेशों में ऐसे नकली फर्मों का रैकेट सक्रिय है। ये लोग बोगस बिल के सहारे GST का इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करते हैं। छत्तीसगढ़ में पहले भी ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं। अगस्त में ही सेंट्रल GST ने दो कारोबारियों को गिरफ्तार भी किया था। अप्रैल में भी एक कारोबारी से करोड़ों की कर चोरी के दस्तावेज मिले थे। पिछले साल रायपुर के दो ऐसे कारोबारियों को पकड़ा गया था जो फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट इनवायस का रैकेट चला रहे थे।

फर्म को किया ब्लैक लिस्टेड

बोगस बिलिंग करने वाले सभी 7 फर्मो को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ ही सभी तरह के लेन-देन पर रोक लगा दी गई है। बताया जाता है कि बकाया टैक्स की वसूली करने के लिए प्रदेशभर के कारोबारियों के फर्मो को जांच के दायरे में लिया गया था। इस दौरान पता चला कि बिना सामानों की खरीदी किए वह आईटीसी बिल बना रहे थे। बताया जाता है कि जाता है कि फर्म संचालकों से फर्जी आईटीसी बिल लेने वाले और इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।

 

यह भी पढ़े:-रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ऑनलाईन आवेदन प्रक्रिया के संबंध में कार्यशाला 23 से 30 सितंबर तक

One Comment
scroll to top