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शांत चित्त से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हों :प्राचार्य, प्रो. एम. आर. ख़ान

रायपुर। शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रायपुर, के नव प्रवेशित छात्रों के ज्ञानार्जन हेतु आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम के तृतीय दिवस की शुरुआत ज्ञानदायिनी माँ सरस्वती जी की वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। श्रीमती प्रतीची तिवारी, मनोवैज्ञानिक एवं कॉउंसलर विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहीं।
अतिथि के सम्मान में पौधा देकरकार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत प्रोफेसर डॉ. एम. आर. खान (प्राचार्य जीईसी रायपुर ) और प्रोफेसर डॉ. श्वेता चौबे (विभागाध्यक्ष, बेसिक साइंस) जी ने किया।

तदुपरांत, श्रीमती प्रतीची तिवारी, मुख्य वक्ता ने अपने वक्तव्य में कहा कि, ” वर्तमान समय में विद्यार्थियों को अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, विद्यार्थी इस आयु वर्ग में विभिन्न प्रकार के तनावों का सामना करते हैं, इन तनावों से कैसे निपटा जाए इसी के विषय में विद्यार्थियों को बताया गया। तनाव प्रबंधन तकनीकी के संबंध में विद्यार्थियों को जानकारी दी गई, साथ ही इसी संबंध में उनसे कुछ प्रश्नोत्तरी भी की गई।
अंत में प्रोफेसर डॉ. एमआर खान (प्राचार्य जीईसी रायपुर ) और प्रोफेसर डॉ. श्वेता चौबे (विभागाध्यक्ष, बेसिक साइंस) जी ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया, इस प्रकार पहला सत्र समाप्त हुआ।

दूसरे सत्र में रा.से.यो. के स्वयंसेवकों ने रासेयो के महत्व और उद्देश्य के बारे में छात्रों को जानकारी दी,समाज सेवा करने के साथ स्वयंसेवकों को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के अनेक कैंपों में हिस्सा लेने का अवसरों एवं राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर में प्राप्त होने वाले पुरुष्कारों की भी जानकारी प्रदान की।
स्वयंसेवकों के अंदर की छुपी प्रतिभा को आगे लाने हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। अंत में कार्यक्रम अधिकारी सुश्री शशिबाला किंडो ने छात्रों को समाज एवं राष्ट्र के विकास हेतु अपना समय देने के लिए प्रेरित किया, इंडक्शन प्रोग्राम समन्वयक डॉ श्वेता चौबे ने कार्यक्रम अधिकारी श्री प्रशांत साहू एवं सुश्री शशिबाला किंडो को प्रशस्ति पत्र देकर रासेयो परिवार का आभार व्यक्त किया।

प्रोफेसर डॉ. एम.आर. खान (प्राचार्य जीईसी रायपुर ) ने अपने उद्बोधन में छात्रों से कहा, कि, परिस्थिति चाहे कैसे भी बनें, किसी भी दबाव को अपने ऊपर हावी न होने दें बल्कि इस नाज़ुक स्थिति को शाँत मन-मस्तिष्क रखकर, अग्रजों के सलाह, आदि से निपटने की कोशिशें करें, किसी भी हालत में इसके आगे समर्पण नहीं करना है । शाँत चित्त से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हों।

प्रोफेसर डॉ. श्वेता चौबे (विभागाध्यक्ष, बेसिक साइंस एवं समन्वयक, इंडक्शन प्रोग्राम 23-24) ने अपने उद्बोधन में छात्रों से कहा कि, स्ट्रेस लेने से बौद्धिक एवं मानसिक, एवम शारिरिक क्षमताओं में भारी कमी देखने को मिलती है, जिसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य, वृत्ति, एवं आने वाले भविष्य को प्रभावित करता है। सब अपने अभावों के कारण भी स्ट्रेस में आकर स्वयं अपना करियर बिगाड़ लेते हैं, मेरा उनको संदेश है कि, “जो पहले अभाव में रहे हैं, बाद में वही प्रभाव में रहते हैं।”

धन्यवाद ज्ञापन में डॉ. रचना रस्तोगी ने उपस्थित सभी अतिथियों, मुख्य वक्ताओं, पालकों, शिक्षकों, छात्रों, स्टाफ़ आदि को आभार व्यक्त कर कार्यक्रम के अगले दिन के क्रियाकलापों से अवगत कराया। कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी डॉ. अनिल माँझी एवं प्रशांत साहू ने मीडिया को जानकारी साझा करते हुए सूचना दी कि, उक्त कार्यक्रम प्रो. डॉ. एस. के. दबड़गाँव, प्रो. डॉ. एस. डी. दीवान, सुश्री शशिबाला किंडो, अनिल खत्री, डॉ. आर. एन. देवांगन, डॉ. विनीत शुक्ला, डॉ. जी. आर. बंजारे, आशीष सिंह ठाकुर, टी. के. देवांगन,आदि की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ ।

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