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बस्तर संभाग के 56 गांव जो पूर्व में अंधेरे में डूब गए थे, उन्हें फिर रोशन करने में मिली सफलता

० अथक प्रयास से गांव में फिर से शुरू की ग्रिड से विद्युत आपूर्ति

० विगत 05 वर्षों में कुल 228 ग्रामों को किया गया ग्रिड से विद्युतीकृत

रायपुर। बस्तर संभाग के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले क्षेत्रों में 56 गांवों को फिर बिजली से रोशन करने में सफलता पा ली गई है, जिनमें पूर्व में पहुंचाई गई विद्युत व्यवस्था को ध्वस्त कर, फिर से अंधेरे में डूबो दिया था। अब इन गांवों में निरंतर, निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल रही है। पहले इन गांवों में सौर ऊर्जा और ग्रिड लाइन से बिजली पहुंचाई गई थी, लेकिन यहां के विद्युत लाइनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, जहां सोलर पैनल थे, उन्हें भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था या उखाड़ दिया गया था। जिसके बाद से इन गांवों में बिजली पहुंचाना कठिन चुनौती बनी हुई थी। इन गांवों में पुनः विद्युत आपूर्ति बहाल हो सके, इसके लिए विशेष प्रयास कर इन अतिसंवेदनशील 56 गांवों में एक बार फिर से बिजली कनेक्शन पहुंचा दिया गया है।

बस्तर संभाग के ये गांव वनाच्छादित, दूरस्थ-दुर्गम और अतिसंवेदनशील हैं। इन ग्रामों में बिजली लाइन बिछाना अत्यंत दुष्कर कार्य था, मुख्यालय से चिन्हांकित स्थल तक विद्युत सामग्री पहुंचाना पहली चुनौती थी, क्योंकि ये गांव घने जंगल में हैं और कहीं कहीं आवागमन भी कठिन था, साथ ही अतिसंवेदनशील क्षेत्र में स्थित हैं। इन गांवों में ग्रिड से सीधे बिजली पहुंचने से 6436 परिवारों को सीधा लाभ मिल रहा है।

विगत 05 वर्षों में दंतेवाड़ा जिले के ऐसे 24 गांव, (लाभान्वित परिवार-3,798) सुकमा के 07 गांव (लाभान्वित परिवार 683), बीजापुर के 18 ग्राम (लाभान्वित परिवार- 1,821 ) एवं नारायणपुर के 7 ग्राम (लाभान्वित परिवार -134 ) में फिर से बिजली पहुंचाई गई है। अब वहां लोग समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं और आर्थिक विकास की गतिविधियों में भागीदारी दे रहे हैं।

विगत पांच साल में उपरोक्त उल्लेखित 56 ग्रामों के अतिरिक्त अन्य 172 गांवों में भी सीधे ग्रिड से बिजली पहुंचाई गई है। इन गांवों में नई लाइन बिछाकर 10 हजार 107 परिवारों को कनेक्शन प्रदान किये गए हैं। इन गांवों में बिजली पहुंचने से ग्रामीणों में उत्साह का संचार हुआ है। इसमें बस्तर जिले के 10, सुकमा जिले के 48, बीजापुर के 98, नारायणपुर के 16 गांव शामिल हैं।

 

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