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निर्यात पर पाबंदी के बाद भी काबू नहीं हो रहे हैं प्याज के दाम, दिल्ली-एनसीआर में फिर 60-80 रुपये की ओर

प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद घरेलू बाजार में इसके दाम में कोई कमी नहीं दिख रही है. खुदरा बाजार में प्याज अब 50 रुपये किलो की ओर बढ़ रहे हैं. कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में भारी बारिश की वजह से प्याज की फसल खराब हो गई थी. इस वजह इसकी सप्लाई पर असर पड़ा और देश की प्रमुख मंडियों में इसकी कमी हो गई.

शुरुआत में बारिश की कमी और फिर भारी बारिश की वजह से नमी ज्यादा हो गई और इससे प्याज की फसल खराब हो गई. इस बीच, केंद्र ने प्याज  की घरेलू कीमतों पर काबू करने के लिए निर्यात पर पाबंदी लगाई थी, इसके बावजूद इसके दाम नहीं गिर रहे हैं.

कर्नाटक के थोक मार्केट में इस समय प्याज के दाम 40 रुपये प्रति किलो पर बिक रहा है, जबकि कुछ दिनों पहले इसकी कीमत 20 से 22 रुपये किलो चल रही थी. महाराष्ट्र से आने वाले प्याज की कीमत जो पहले 30 रुपये प्रति किलो तक थी वह अब 40 रुपये तक पहुंच चुकी है.

दिल्ली-एनसीआर के खुदरा बाजार में प्याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो के बीच बिक रहा है. थोक बाजार में प्याज की कीमत 35-45 रुपये प्रति किलो है. दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. एशिया में प्याज की सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज के दाम 50 रुपये प्रति किलो से ज्यादा हो गए हैं.

कारोबारियों का कहना है कि देश की मंडियों में प्याज का स्टॉक काफी कम है, जिसके कारण मंडियों में आवक कम हो रही है. दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने और नई फसल की तैयारी में देरी होने की वजह से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. सरकार कह रही है कि प्याज का पूरा स्टॉक है. लेकिन कीमतें काबू नहीं हो रही हैं.

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