सितंबर महीने में एनपीसीआई के पेमेंट प्लेफॉर्म UPI से ट्रांजेक्शन रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया. आरबीआई की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान ट्रांजेक्शन 1.8 अरब पार कर गया वहीं इसकी वैल्यू बढ़ कर 3 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया. कोरोना संक्रमण की वजह से वजह से लॉकडाउन के दौरान यूपीआई से पेमेंट काफी बढ़ गया. लोगों ने कैश का इस्तेमाल कम किया. यूपीआई का इस्तेमाल खासकर कारोबारी के स्तर पर अहम है. लेकिन मूल रूप से यूपीआई से छोटे लेनदेन होते है. यूपीआई से औसत लेनदेन 200 से 300 रुपये से ज्यादा नहीं है.
पिछले महीने यूपीआई से 1.61 अरब लेनदेन हुआ था, जिसका कुल मूल्य 2.98 लाख करोड़ रुपये था. विशेषज्ञों का अंदाजा है कि फेस्टिवल सीजन में यूपीआई से लेनदेन और बढ़ेगा. इस तरह से दिसंबर तक यूपीआई से लेन देन हर महीने 2 के आंकड़े तक पहुंच सकता है. मार्च 2021 तक यह 2.15 अरब लेनदेन तक पहुंच सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इकनॉमी की ग्रोथ भले ही नकारात्मक हो लेकिन डिजिटल लेनदेन बढ़ रहा है.
ट्रांजेक्शन यूपीआई और दूसरे डिजिटल माध्यमों की ओर बढ़ रहा है. डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने में ई-कॉमस प्लेटफॉर्म बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. यूपीआई पी2पी सेग्मेंट और पर्सन टु मर्चेंट सेग्मेंट में बढ़ रहा है. इसलिए यूपीआई में ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़ रही है लेकिन वैल्यू के हिसाब से अभी लेने-देन कम है. ज्यादा कीमत के पेमेंट में अभी भी क्रेडिट कार्ड का दबदबा है.डिजिटल भुगतान कोविड-19 के झटकों से उबरकर कोविड के पहले के स्तर पर पहुंच गया है, भले ही इस दौरान लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
कोरोना संक्रमण की वजह से वजह से लॉकडाउन के दौरान यूपीआई से पेमेंट काफी बढ़ गया. लोगों ने कैश का इस्तेमाल कम किया. यूपीआई का इस्तेमाल खासकर कारोबारी के स्तर पर अहम है. लेकिन मूल रूप से यूपीआई से छोटे लेनदेन होते है. यूपीआई से औसत लेनदेन 200 से 300 रुपये से ज्यादा नहीं है.