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आज है जितिया व्रत: संतान के लिए महिलाएं रखती हैं व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व

हिंदू धर्म में बहुत से व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। हर व्रत का अपना ही एक अलग महत्व होता है। पति और संतान की लम्बी उम्र के लिए भी बहुत सारे व्रत रखे जाते हैं और उन्हीं में से एक है जितिया व्रत। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत और जिउतिया के नाम से भी जाना जाता है। विवाहित महिलाएं संतान की दीर्घायु के लिए इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं। बता दें कि ये व्रत पूरे तीन दिनों तक रखा जाता है। पहले दिन महिलाएं नहाय खाय, दूसरे दिन निर्जला व्रत रख कर तीसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है। तो चलिए जानते हैं वर्ष 2023 में कब रखा जाएगा ये व्रत।

कब रखा जाएगा जितिया व्रत
पंचांग के मुताबिक अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ये व्रत रखा जाता है। वर्ष 2023 में 6 अक्टूबर को यह पर्व मनाया जाएगा। मुख्य तौर पर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में महिलाएं पुत्र की प्राप्ति और संतान की लंबी आयु की कामना से ये व्रत रखती हैं।

जितिया व्रत के दिन किसकी पूजा की जाती है
इस व्रत में प्रदोष काल के समय भगवान जीमूत वाहन की पूजा की जाती है। व्रत सामग्री में पेड़ा, पान, लौंग, दूर्वा, सुपारी, श्रृंगार का सामान, पुष्प, धूप, दीप और गाय का गोबर आदि बहुत सी चीजें शामिल हैं।

जितिया व्रत का नहाए खाए कैसे किया जाता है
इस व्रत के नियम छठ की तरह ही मिलते-जुलते हैं। व्रत से एक पहले जल्दी उठ कर गंगा स्नान किया जाता है। अगर गंगा स्नान संभव नहीं है तो सामान्य स्नान करके व्रत का संकल्प लें। नहाय खाय में सिर्फ एक ही बार भोजन करते हैं।

जीवित्पुत्रिका व्रत का महत्व
संतान की लम्बी आयु की कामना के लिए ये व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। इस व्रत को करने के बाद संतान का जीवन खुशियों से भर जाता है। कहते हैं कि जो भी महिला ये व्रत रखती है, उसे कभी भी संतान के वियोग का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अलावा घर में सुख-शांति भी बरकरार रहती है।

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