कोरोना काल में ऑटो इंडस्ट्री इडंस्ट्री सामान्य की तरफ बढ़ रही है. मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन के बाद पहली बार सितंबर में पेट्रोल की बिक्री में इजाफा देखने को मिला है. सितंबर में पेट्रोल की बिक्री पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले दो फीसदी ज्यादा रही है. इस साल मार्च के बाद पहली बार पेट्रोल की कंजम्पशन में इजाफा हुआ है. वहीं सितंबर में डीजल की सेल पिछले साल सितंबर के मुकाबले सात प्रतिशत फीसद कम रही, लेकिन अगस्त, 2020 के मुकाबले डीजल की बिक्री 22 फीसदी ज्यादा हुई है.
सितंबर में बढ़ी पेट्रोल और डीजल की बिक्री से पता चला है कि फ्यूल की डिमांड कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है. यह जानकारी सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से मिली है, जिनकी बाजार में हिस्सेदारी 90 फीसदी से ज्यादा है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले महीने की तुलना में पेट्रोल की बिक्री में 10.5 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. सितंबर में पेट्रोल की बिक्री बढ़कर 22 लाख टन पर पहुंच गई. जबकि, पिछले साल सितंबर में यह बिक्री 21.6 लाख टन थी. वहीं इस साल अगस्त में पेट्रोल की बिक्री 19 लाख टन रही. लेकिन डीजल की बिक्री सितंबर 2019 के 52 लाख टन के मुकाबले इस साल सितंबर में घटकर 48.4 लाख टन रह गई. अगस्त, 2020 में 39.7 लाख टन डीजल की बिक्री हुई थी.
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के डायरेक्टर अरुण कुमार सिंह के मुताबिक पेट्रोल की बिक्री अब कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है, लेकिन डीजल बिक्री में अभी कोई खास बढ़ोतरी नहीं देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से लोग अभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अवॉइड कर रहे हैं, डीजल खपत वाली गाड़ियां जैसे स्कूल बसों या सार्वजनिक बसों का काफी कम इस्तेमाल हो रहा है.