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ठहरी हुई दुनिया की त्रासदी

कभी-कभी इनसान मारकर जी उठता है, लेकिन मरने और जीने के बीच का जो फासला होता है वो सबसे ज्यादा त्रासद होता है. ठीक ऐसी ही त्रासदी अब सूचना संसार में पेश आने लगी है. सोशल मीडिया का संचालन करने वाले दुनिया के सबसे बड़े प्रदाता का ‘सवार’ जब सात घंटे के लिए बीमार हो गया तो लगा जैसे सारी दुनिया ठहर गयी है. हर पल सूचनाओं के सहारे जीने वाले लोगों का जी मचलाने लगा,सबके सब अचानक खुद बीमार हो गए.

सोमवार की रात जब मै एक समारोह से वापस लौटा तो सोचा की अपने बच्चों से खैरियत ले लूं, लेकिन न वाट्सअप चला और न मैसेंजर, फेबुक भी मुंह लटकाये नजर आई. सोचा इंटरनेट गड़बड़ होगा, सो मोबाइल डाटा पर आ गया, लेकिन न इंटरनेट में खामी थी और न मोबाइल डाटा खत्म हुआ था. सोशल साइट फेसबुक खोलने पर बफरिंग हो रही थी और, इंस्टाग्राम पर रीफ्रेश करने पर ‘कुड नॉट रीफ्रेश फीड’ का मैसेज आ रहा था ।

काफी देर तक मोबाइल के कान मरोड़ने के बाद हारकर चुप बैठना पड़ा.तय किया की मोबाइल और नेट की जांच सुबह होते ही कराएँगे .रात में जितनी बार नींद खुली, उतनी बार मोबाइल को चैतन्य करने की कोशिश की लेकिन नतीजा ठन-ठन गोपाल ही रहा. एक अज्ञात बीमारी ने दिमाग को घेर लिया. सुबह जब तड़के फिर मोबाइल खोला तो नयी सूचनाएँ वाट्सअप पर पड़ी देख यकीन ही नहीं हुआ की ये प्लेटफार्म शुरू हो गए हैं. वाट्सअप के बाद फेसबुक खोलकर देखी. जब वहां भी सक्रियता नजर आई तब कहीं जाकर जान में जान आई.

सर्वर ठप्प होने से एप के साथ-साथ इनकी वेबसाइटें भी काम नहीं कर रहीं थीं । विभिन्न वेबसाइटों ने अलग-अलग माध्यमों से जानकारी दी कि पूरी दुनिया में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। यह पहली बार नहीं है जब इन तीनों की सर्विस प्रभावित हुई है। 19 मार्च को भी ऐसा हुआ था। तब रात 11 से 11:45 बजे तक इनकी सेवाएं ठप रही थीं। दुनिया को सोशल प्लेटफार्म उपलब्ध करने वाली कंपनियों ने तो माफी मांगकर काम चला लिया लेकिन इन साथ-आठ घंटों में दुनिया ने भुगता उसका खमियाजा कोई नहीं भर सकता.

हकीकत ये है की अभिजात्य से लेकर आम मजदूर तक इन दिनों सोशल मीडिया के सहारे है. कोई एक सोशल प्लेटफार्म इस्तेमाल कर रहा है तो कोई एक से अधिक. इसके जरिये आम जिंदगी की अनेकानेक गतिविधियां संचालित हो रहीं है. अब ये सोशल प्लेटफार्म केवल सोशल ही नहीं व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. सोशल मीडिया हालाँकि आभासी दुनिया है किन्तु अब इसने परिवार के एक अनिवार्य सदस्य की हैसियत धारण कर ली है. आप काह सकते हैं की ये एक नशा है. इसकी आदत सी पड़ गयी है.

सोशल मीडिया के इस लम्बे विराम ने प्रमाणित कर दिया है की सोशल मीडिया यदि आपको मनोरंजन और सूचनाएँ दे सकता है तो ये मौन होने पर आपको अवसाद में भी धकेल सकता है. ये अवसाद ऐसा अवसाद है जिसका इलाज चिकित्स्कों के पास भी नहीं होता. वे खुद इसके मरीज होते हैं. दुनिया में इस समय सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों की संख्या कितनी है, कोई नहीं जानता लेकिन पुराने आंकड़े कहते हैं की दुनिया की 57 फीसदी आबादी के लिए ये ससघल मीडिया अब जरूरत बन गयी है. 4.48 बिलियन आबादी बिना सोशल मीडिया के एक पल नहीं रह सकती. आंकड़े गवाही देते हैं कि हर 10 में से 9 इंटरनेट के ग्राहक सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं.

दुनिया में सोशल मीडिया के उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. जुलाई 2021 में ही दुनिया में 520 मिलियन नए ग्राहकों ने सोशल मीडिया को अपनाया है. जाहिर है कि हमारी निर्भरता लगातार इस सोशल मीडिया पर बढ़ती जा रही है. यानि ये बृद्धि 13 फीसदी से अधिक है. दुनिया में हर पल 16.5 नए ग्राहक पैदा हो रहे हैं. ये स्थिति तब हैं जबकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल १३ वर्ष से कम के बच्चों के लिए प्रतिबंधित हैं. बीमारी इतनी सघन हैं कि औसतन हर व्यक्ति कम से कम ढाई घण्टा इसे तो इस सोशल मीडिया पर खर्च करता ही हैं. सोते-जागते सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले अब सात से आठ घंटे की नींद में भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते.

अगर आप चौंके न तो बता दू कि दुनिया कम से कम 10 बिलियन घंटे प्रतिदिन सोशल मीडिया पर लुटा रही हैं, यानि 1.12 मिलियन साल का समय हर रोज बर्बाद हो रहा हैं. दुनिया में जितने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं उनमें फेसबुक नंबर एक पर हैं. फेसबुक खुद 6 प्लेटफार्म उपलब्ध करती हैं. दुनिया में इस समय 17 सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं. इनसे कम से कम 300 मिलियन उपभोक्ता सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं, अकेले फेसबुक के 2.853 बिलियन उपभोक्ता हैं. यूट्यब के 2.291 बिलियन ,वाट्सअप के 2 बिलियन और इंस्ट्राग्राम के 1.386.फेसबुक पर गपशप करने वालों की तादाद 1.3 बिलियन हैं तो वी चैट पर 1.242 बिलियन उपभोक्ता हैं. टिक टाक पर 732 मिलियन, टेलीग्राम पर 550 मिलियन ग्राहक हैं. ट्विटर को भी 397 मिलियन आबादी इस्तेमाल करती हैं. आप ये तमाम आंकड़े और विस्तृत रपट ‘डाटा रिपोर्टल डाट कॉम ‘पर जाकर देख सकते हैं . ये जानकारियां चौंकाने वाली हैं.

बहरहाल सोशल मीडिया ऐसा मंच हैं जो अति करने पर आपकी दुनिया उजाड़ भी सकता हैं और संयम से इस्तेमाल करने पर आपको हीरो भी बनाये रख सकता हैं. मर्जी हैं आपकी क्योंकि सोशल मीडिया हैं आपका, नेट हैं आपका. मोबाईल हैं आपका.
@ राकेश अचल

 

 

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