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सही पॉलिसी चुनने में इसलिए चूक जाते हैं लोग, जानें किन बातों का रखना है ध्यान

जीवन बीमा पॉलिसी लेना जितना आसान लगता है उतना है नहीं. दरअसल इंश्योरेंस लेना एक अहम फैसला होता है जिसे सोच-समझ कर ही लेना चाहिए. अपनी जरुरतों को ध्यान में रखते हुए सही पॉलिसी का चुनाव करना चाहिए. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि लोग वह पॉलिसी खरीद लेते हैं जो उनके लिए सही नहीं होती. हालांकि आपके साथ अगर ऐसा होता है तो घबराएं नहीं आपके पास एक ऑप्शन अभी बचा है. इससे पहले यह जानना होगा कि लोग गलत पॉलिसी क्यों चुन लेते हैं.

गलत पॉलिसी क्यों चुन लेते हैं लोग

  • बीमा एजेंट की बात पर आंख मूंद कर यकीन करना.
  • बीमा एजेंट पॉलिसी को लेकर जो दावे करता है उसे क्रॉस चेक न करना.
  • ऐसा भी होता है कि आपका कोई रिश्तेदार या दोस्त जो कि किसी बीमा कंपनी का एजेंट हो, आपको कोई पॉलिसी बेचे और आप रिश्ते की कद्र करते हुए बिना किसी सवाल के पॉलिसी खरीद लें.

हर जानकारी खुद हासिल करें

  • पॉलिसी लें तो पहले खुद से हर जानकारी हासिल करें.
  • अपने और परिवार की जरूरतों के हिसाब से पॉलिसी चुनें.
  • कई पॉलिसी के बीच अच्छी तरह तुलना करें.
  • विभिन्न पॉलिसियों का प्रीमियम, क्लेम सेटलमेंट रेश्यो, कुल कवर राशि और मिलने वाली सुविधाओं के बीच तुलना करनी चाहिए.
  • इस काम के लिए ऑनलाइन वेबसाइट्स की भी मदद ली जा सकती है.

गलत पॉलिसी खरीद ली है तो न हों परेशान

  • बीमा कंपनियां पॉलिसी बेचने के बाद ग्राहकों को 15 दिन का ‘फ्री लुक पीरियड’ (Free look period) की सुविधा देती है.
  • ‘फ्री लुक पीरियड’ की अवधि पॉलिसी डॉक्युमेंट (policy document) मिलने से लेकर 15 दिन तक होती है.

फ्री लुक पीरियड’ में क्या करें

  • पॉलिसी की सभी मुख्य बातों की जांच करें.
  • बीमा की रकम, पॉलिसी की अवधि, प्रीमियम की रकम, सबके बारे में जानकारी हासिल करें.
  • सभी जरूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद अगर आप पॉलिसी से संतुष्ट हैं तो पॉलिसी को जारी रखें नहीं तो ‘फ्री लुक पीरियड’ में पॉलिसी खत्म की जा सकती है.

पॉलिसी रद्द कराने पर कटेगा पैसा

  • पॉलिसी रद्द कराने पर बीमा कंपनी पॉलिसी से जुड़े कुछ खर्चों को काट लेती है और प्रीमियम की बाकी रकम आपको वापस कर देती है.

 

 

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