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त्योहारों पर ट्रेन से घर जा रहे हैं तो इन नियमों का रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है जेल

नई दिल्ली: दशहरा, दिवाली और छठ पूजा के लिए भारतीय रेलवे ने कई नई ट्रेनों को चलाने का फैसला लिया है. देशभर में 20 अक्टूबर से 3 दिसंबर तक 392 विशेष ट्रेन (196 जोड़ी) चलाई जाएंगी, ताकि लोग अपने स्थान पर जा सकें या वहां जा सकें जहां वे त्योहार को अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाना चाहते हैं. लेकिन ध्यान रहें, अभी कोरोना नाम का संकट टला नहीं है. इसीलिए यात्रियों को वायरस से बचाए रखने के लिए रेलवे ने कुछ सख्त नियम तय किए हैं. रेलवे ने सख्त हिदायत दी है कि अगर इन नियमों को तोड़ा जाएगा, तो जुर्माना लगाया जा सकता है और साथ ही जेल भी भेजा जा सकता है.

रेलवे पुलिस फोर्स (RPF) ने सख्‍त दिशानिर्देश जारी किए हैं. रेलवे ने साफ किया है कि यात्रा के समय रेल परिसर में सही तरीके से मास्क पहनना अनिवार्य है. ट्रेन और रेलवे स्टेशन पर अन्य लोगों से सामाजिक दूरी बनाए रखना आवश्यक है. सार्वजनिक जगह पर थूकना अपराध माना है. ट्रेनों या स्टेशन परिसर में गंदगी फैलाना सख्त मना है.

कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी ट्रेन से सफर करना महंगा साबित हो सकता है. रेलवे अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. कोविड-19 से जुड़े किसी भी दिशानिर्देश का पालन न करने पर यात्रियों को जेल की सजा हो सकती है. यही नहीं, यात्रियों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने पर रेल कानून की धारा-145, 153 और 154 के तहत सजा दी जा सकती है. यात्रा के समय नशा करना या उपद्रव मचाने पर रेल अधिनियम की धारा-145 के तहत मामला दर्ज कर एक महीने तक की जेल हो सकती है.

अगर जानबूझ कर यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश की, तो रेल अधिनियम की धारा-153 के तहत जुर्माना लगेगा और पांच साल तक की कैद भी संभव है. और लापरवाही से सहयात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने पर धारा-154 के तहत एक साल तक जेल की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

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