अगर आपको पैसों की तुरंत जरूरत पड़ गई है तो पर्सनल लोन शायद सबसे अच्छा ऑप्शन है. पसर्नल लोन न सिर्फ आपकी पैसों की जरूरत को पूरा करता है बल्कि यह और भी कई फायदे आपको देता है. जानते हैं इनके फायदों के बारे में.
आसानी से मिल जाता है
- पर्सनल लोन के लिए कोई सिक्योरिटी नहीं देनी पड़ती है.
- आवेदक की आय, कैश-फ्लो, क्रेडिट स्कोर और री-पेमेंट क्षमता को देखकर बैंक ये लोन देते हैं.
- अच्छी री-पेमेंट कैपेसिटी, अच्छा क्रेडिट स्कोर और इनकम से आवेदक को कम ब्याज पर लोन मिल जाता है.
जरुरत के हिसाब से कर सकते हैं खर्च
- पर्सनल लोन के पैसों का उपयोग आप अपनी जरूरत के हिसाब से कर सकते हैं.
- पर्सनल लोन की राशि सीधे उधारकर्ता को दी जाती है.
- आवदेक को यह बताना जरूरी नहीं है कि वह किस मकसद से यह लोन ले रहा है.
लोन की अवधि
- पर्सनल लोन के मामले में आप अपनी जरुरत के हिसाब लोन की अवधि चुन सकते हैं.
- पर्सनल लोन के साथ फ्लेक्सिबल री-पेमेंट अवधि (आमतौर पर 12 महीनों से 60 महीनों के बीच) जुड़ी रहती है. आप अपनी जरुरत के हिसाब से ये चुन सकते हैं.
- पर्सनल लोन के साथ प्री-पेमेंट और प्री-क्लोजर चार्ज भी जुड़े रहते हैं.
प्री-अप्रूव्ड
- बैंक प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर अपने उन ग्राहकों को देते हैं जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है.
- इस लोन को लेने के लिए मिनिमम पेपर वर्क की जरुरत होती है. यह लोन तुरंत मिल जाता है.
टैक्स छूट
- पर्सनल लोन पर टैक्स नहीं लगता है. हालांकि यह जरूरी है कि लोन किसी लीगल सोर्स जैसे बैंक या NBFC से लिया हो.
- पर्सनल लोन की रकम को इनकम नहीं माना जाता.
- हालांकि टैक्स छूट का लाभ लेने के लिए आपको खर्च का वाउचर, बैंक का सर्टिफिकेट, सैंक्शन लेटर और ऑडिटर का लेटर जैसे कई कागजात दिखाने होंगे.
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