मोदी सरकार ने 2020-21 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (Provident Fund) पर 8.5 प्रतिशत के ब्याज दर को मंजूरी दी है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए दिवाली से ठीक पहले यह एक अच्छी खबर है. श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने इस साल मार्च में पिछले वित्त वर्ष के लिए कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज दर तय की थी. सीबीटी ईपीएफओ का निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय है.
एक सूत्र ने शुक्रवार को कहा, “वित्त मंत्रालय ने 2020-21 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को मंजूरी दे दी है और अब इसे पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों के खातों में जमा किया जाएगा.”
पिछले साल मार्च में, ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को सात साल में सबसे कम करते हुए 8.5 प्रतिशत कर दिया था. यह 2018-19 में 8.65 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए प्रदान की की गयी ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) ब्याज दर 2012-13 के बाद से सबसे कम थी. 2012-13 में इसे घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया गया था.
ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 2016-17 में 8.65 प्रतिशत और 2017-18 में 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया था. 2015-16 में ब्याज दर 8.8 प्रतिशत से थोड़ी अधिक थी.
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