रायपुर. उपासना के पर्व छठ पूजा के मौके पर छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया, इसके साथ ही सोमवार को निर्जला व्रत का समापन हुआ। प्रदेश के विभिन्न नदियों, तालाबों पर सूर्य देवता का अर्घ्य देने के लिए अलसुबह लोगों का जमावड़ा घाट किनारे लग गया था। इससे पहले रविवार की शाम डूबते सूर्य की पूजा की गई थी. रायपुर के महादेव घाट, बीरगांव, सेजबहार, उरला, भिलाई के प्रमुख तालाबों समेत, सरगुजा, अंबिकापुर, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा जैसे जिलों में मिनी नॉर्थ इंडिया का माहौल देखने को मिला. यहां रविवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भोजपुरी गानों की धूम रही.
धार्मिक मान्यताओं को अनुसार, छठ व्रत खास तौर पर संतान प्राप्ति और उसकी खुशहाली के लिए रखा जाता है. जो लोग संतान सुख से वंचित हैं, उनके लिए यह व्रत लाभकारी साबित होता है. मान्यता है कि छठ पूजा करने से छठी मइया की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत 28 अक्टूबर को नहाए-खाय के साथ हुई थी. 29 अक्टूबर को छठ पर्व का दूसरा दिन खरना मनाया गया. 30 अक्टूबर को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया और 31 अक्टूबर यानी आज उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ पर्व संपन्न हुआ.